(Stock Market Today 10 Dec/ Image Credit: ANI News)
नई दिल्ली: Stock Market Today 10 Dec: भारतीय बाजारों के लिए आज के संकेत उत्साहजनक नहीं दिख रहे हैं। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बीते सत्र में कैश मार्केट में लगभग 3800 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जिससे सेंटीमेंट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। इसके साथ ही गिफ्ट निफ्टी करीब 50 अंक नीचे कारोबार कर रहा है, जो घरेलू बाजारों की कमजोर शुरुआत का संकेत दे रहा है।
अमेरिकी बाजार भी सुस्त रहे क्योंकि निवेशक फेडरल रिजर्व की पॉलिसी मीटिंग के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। ब्याज दरों में चौथाई प्रतिशत कटौती की उम्मीद के बावजूद बाजारों का मूड सतर्क रहा। डॉव जोंस करीब 180 अंक फिसलकर बंद हुआ, जबकि S&P 500 हल्की गिरावट के साथ नीचे आया। जेपी मॉर्गन के बढ़ते खर्चों की चेतावनी ने भी बाजार पर दबाव बढ़ाया। नैस्डैक में मामूली बढ़त देखने को मिली, लेकिन कुल मिलाकर अमेरिकी बाजार सीमित दायरे में ही रहे।
LKP सिक्योरिटीज के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट के अनुसार निफ्टी ने गिरावट के बीच पिछले उछाल के 61.80% फिबोनाची रिट्रेसमेंट के पास सपोर्ट लिया, जो 50-EMA के साथ मेल खाता है। हालांकि इंडेक्स अभी भी 21-EMA से नीचे है और RSI में बेयरिश क्रॉसओवर दिख रहा है, जो शॉर्ट-टर्म कमजोरी की ओर संकेत करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि निफ्टी में 25,615-25,535 तक गिरावट संभव है, जबकि 25,970-26,000 के स्तर पर रेजिस्टेंस मौजूद रहेगा।
एशिया के प्रमुख बाजारों में आज मिश्रित कारोबार देखने को मिला। निक्केई 0.55% गिरावट के साथ कमजोर दिखा। ताइवान का बाजार 0.56% मजबूती के साथ हरे निशान में रहा। हैंगसेंग, कोस्पी और शंघाई कम्पोजिट में कमजोरी देखने को मिली। गिफ्ट निफ्टी भी गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है।
फेड की ओर से संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीदों के बीच चांदी की कीमतें रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गईं। घरेलू बाजार में सिल्वर के भाव 1.90 लाख रुपये के करीब छू गए। सोने में भी तेजी दिखी, जबकि क्रूड के दामों में हल्की नरमी रही।
सोमवार को भारतीय बाजार दूसरे दिन भी लाल निशान में रहे। सेंसेक्स 436 अंक टूटकर 84,666 पर और निफ्टी 121 अंक गिरकर 25,840 पर बंद हुआ। RBI की हालिया 25 बेसिस पॉइंट रेट कटौती से बनी उम्मीदें कमजोर पड़ती दिखीं।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।