Illegal mining of sand
अरुण मिश्रा, दतिया:
Illegal mining of sand: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव निकट है। सरकार रेत के अवैध उत्खनन को रोकने के लिए लाख प्रयास कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सार्वजनिक मंचों से रेत के उत्खनन को रोकने की बात कह रहे हैं। मुख्यमंत्री तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि यदि कोई नेता इस काले कारोबार में संलिप्त है तो उसको भी गिरफ्तार किया जाए, लेकिन मुख्यमंत्री की इस चेतावनी का प्रशासनिक अधिकारियों पर कोई असर होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। प्रशासनिक अधिकारी खुलेआम रेत के काले कारोबार को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं। थानों के सामने से रेत से भरे ओवरलोड ट्रैक्टर निकल रहे हैं। प्रशासन के तमाम आला अधिकारियों के सामने से भी रेत निकाली जा रही है। लेकिन किसी प्रशासनिक अधिकारी ने इस काले गोरख धंधे पर रोक लगाने की कोशिश नहीं की।
नहीं उठाए कोइ ठोस कदम
प्रशासन की सुस्त कार्य प्रणाली की वजह से रेत का काला कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। मध्य प्रदेश के दतिया जिले की यह ताजा तस्वीरें रेत के अवैध कारोबार की है। दतिया जिले में बेरोकटोक हो रहा है रेत का अवैध उत्खनन प्रशासन की रेत के काले कारोबार में खुलकर संलिप्तता को उजागर कर रहा है। नदियों से रेत उठाने पर NGT की रोक लगे होने के बावजूद भी रेत माफिया प्रशासन की शह पर नदियों में पनडुब्बी डालकर रेत निकालते हुए नजर आ रहे हैं। प्रशासन द्वारा रेत माफियाओं के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
खनिज विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं
दतिया जिले में आने वाले ग्राम रुहरा, बेरछा, उनाव, लमकना, कंजौली एवं भांसडा से रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन दिन रात होते हुए देखा जा सकता है। जिले की सड़कों पर अवैध रेत से भरे हुए ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रॉली सरपट दौड़ते हुए नजर आ रहे हैं। दतिया में कई जगह पर रेत माफियाओं के द्वारा अवैध रेत के स्टॉक भी किए गए हैं, जिन पर खनिज विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। रेत का काला कारोबार करने वाले मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में धड़ल्ले से अवैध उत्खनन कर रहे हैं। सिंध नदी एवं पहूज नदी पर पनडुब्बियों की सहायता से बड़ी और भारी मात्रा में रेत निकाली जा रही है।
Illegal mining of sand: इस संबंध में खनिज विभाग के अधिकारी रमेश पटेल से जब बात की गई तो उन्होंने रेत के काले कारोबार को लेकर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए मामले में कार्रवाई किए जाने की बात कही। जबकि खनिज कार्यालय के सामने से भी रेत से भरे ट्रैक्टर सरपट दौड़कर निकलते हुए देखे जा सकते हैं। यह बात कहीं न कहीं खनिज अधिकारी की संलिप्तता भी उजागर कर रहे हैं। खनिज विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ खड़ी होती है। इलाके में रेत का काला कारोबार लंबे समय से संचालित है और इसकी भनक खनिज विभाग को अभी तक नहीं यह जांच का विषय है। खनिज कार्यालय के सामने से निकल रहे रेत से भरे ओवरलोड ट्रैक्टर दतिया के खनिज अधिकारी को न दिखना उनकी कार्यशैली पर सवालिया निशान जरूर लगा रहा है।