उप्र के 16 जिले बाढ़ से प्रभावित, 18 लाख से ज्यादा लोगों के जनजीवन पर पड़ा असर

उप्र के 16 जिले बाढ़ से प्रभावित, 18 लाख से ज्यादा लोगों के जनजीवन पर पड़ा असर

उप्र के 16 जिले बाढ़ से प्रभावित, 18 लाख से ज्यादा लोगों के जनजीवन पर पड़ा असर
Modified Date: July 11, 2024 / 10:11 pm IST
Published Date: July 11, 2024 10:11 pm IST

लखनऊ, 11 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश में 16 जिलों के 923 गांव बाढ़ की चपेट में हैं और इससे प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है।

प्रदेश के राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा बृहस्पतिवार शाम जारी रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश के 16 जिलों लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, कुशीनगर, शाहजहांपुर, बलिया, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बाराबंकी, सीतापुर, गोरखपुर, बरेली, मुरादाबाद और आजमगढ़ के कुल 923 गांवों की 18 लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, बाढ़ से एक लाख 91 हजार हेक्टेयर से ज्यादा फसल जलमग्न हो गयी है।

 ⁠

प्रभावित गांवों में राहत एवं बचाव कार्यों के लिये पर्याप्त संख्या में एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल), एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) और पीएसी (प्रादेशिक आर्म्‍ड कांस्टेबुलरी) टीम तैनात की गयी हैं। बाढ़ पीड़ितों को आसरा देने के लिए कुल 756 शरणालय और 1122 बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ से लखीमपुर खीरी जिले के सबसे ज्यादा 250 गांव प्रभावित हैं और इन गांवों की एक लाख 79 हजार से ज्यादा आबादी प्रभावित हुई है। जिले में 14 बाढ़ शरणालय बनाये गये हैं। शाहजहांपुर में गर्रा और खान्नौर नदियों की बाढ़ से 43 गांव और मोहल्ले प्रभावित हैं। इसके अलावा सिद्धार्थनगर में 83 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है।

उत्तर प्रदेश में मानसून की सक्रियता बनी हुई है।

आंचलिक मौसम केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के पूर्वी हिस्सों में कई स्थानों पर जबकि पश्चिमी भागों में कुछ जगहों पर बारिश हुई। इस दौरान अंबेडकर नगर के जलालपुर, मुरादाबाद के बिलारी और प्रयागराज के छतनाग में आठ-आठ सेंटीमीटर वर्षा हुई। इसके अलावा जौनपुर में सात, वाराणसी में छह, बलिया के गायघाट, प्रतापगढ़ के पट्टी और बिजनौर के चांदपुर में पांच-पांच सेंटीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई।

अगले 24 घंटे के दौरान भी राज्य के पूर्वी हिस्सों में लगभग सभी स्थानों पर गरज के साथ वर्षा होने तथा पश्चिमी भागों में भी अनेक जगहों पर बारिश होने की संभावना है। कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा भी हो सकती है।

भाषा सलीम सिम्मी

सिम्मी


लेखक के बारे में