बेटे को याद कर रात भर जेल में रोता रहा माफिया अतीक अहमद, खाना खाने से भी किया इंकार

इससे पहले जब उसे असद के मौत की खबर मिली थी तब वह पेशी के दौरान कोर्ट में था। बेटे की मौत की खबर सुनते ही वह यहाँ भी रोने लगा था।

बेटे को याद कर रात भर जेल में रोता रहा माफिया अतीक अहमद, खाना खाने से भी किया इंकार

Asad ahmed encounter

Modified Date: April 14, 2023 / 03:44 pm IST
Published Date: April 14, 2023 3:44 pm IST

Asad ahmed encounter: अपने से बिछड़ने का गम क्या होता हैं अब यह उस शख्स को महसूस हो रहा हैं जिसने न जाने कितने लोगो की जान ली हैं। हम बात कर रहे हैं साबरमती जेल में बंद कुख्यात माफिया अतीक अहमद की। जेल प्रबंधन की माने तो गुरुवार को दोपहर बेटे असद अहमद के एनकाउंटर के बाद वह पूरी रात जेल में रोता रहा, अतीक ने जेल की तरफ से दिया जाने वाला खाना भी नहीं खाया और अपने बैरक में ही आंसू बहाता रहा। इससे पहले जब उसे असद के मौत की खबर मिली थी तब वह पेशी के दौरान कोर्ट में था। बेटे की मौत की खबर सुनते ही वह यहाँ भी रोने लगा था। उसने अपने बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल होने की इजाजत मांगी थी लेकिन कानूनी दांव पेंच के चलते उसकी इस मांग को मंजूरी नहीं मिल सकी।

पूर्व डिप्टी सीएम ने थामा कांग्रेस का हाथ, तो सीएम बोले- कांग्रेस में शामिल होने के फैसले से दुखी हूं

बताया जा रहा हैं की आज असद और गुलाम के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया झाँसी में पूरी कर ली गई हैं। असद के शव को लेने के लिए उसकी मौसी और नानी को झाँसी बुलाया गया हैं जबकि गुलाम की पत्नी उसके शव के लेने के लिए झाँसी आएगी। दोनों के पोस्टमार्टम के दौरान कई वरिष्ठ डॉक्टर और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। पोस्टमार्टम की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई हैं।

 ⁠

बदमाशों की दिनदहाड़े गुंडागर्दी! घर के सामने ही व्यापारी के साथ की खौफनाक हरकत, सीसीटीवी में कैद हुई घटना

Asad ahmed encounter: बता दें की कल दोपहर एसटीएफ के साथ हुए मुठभेड़ में उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी असद और उसके गनमैन गुलाम मारे गये थे। यह एनकाउंटर झाँसी के करीब हुआ था। मुठभेड़ की जानकारी देते हुए पुलिस ने दावा किया था की वह उन्हें जिन्दा पकड़ना चाहते थे लेकिन दोनों अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे और उन्होंने पुलिस टीम पर हमला किया था।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें


लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown