Ram Mandir Mukhya Pujari: अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी को लेकर ट्रस्ट का बड़ा फैसला.. जानकार आप भी रह जायेंगे हैरान.. हो गया ऐलान

सत्येंद्र दास 34 साल से रामजन्मभूमि में बतौर मुख्य पुजारी सेवा दे रहे थे। 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी विध्वंस के समय वे रामलला को गोद में लेकर भागे थे। तब से लेकर अपने निधन तक राम लला की सेवा कर रहे थे।

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  • Publish Date - March 16, 2025 / 10:12 PM IST,
    Updated On - March 16, 2025 / 10:12 PM IST

Now there will be no chief priest in Ram Mandir? || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • राम मंदिर में अब कोई नया मुख्य पुजारी नहीं होगा, आचार्य सत्येंद्र दास के सम्मान में निर्णय।
  • 34 वर्षों तक रामलला की सेवा करने वाले सत्येंद्र दास बाबरी विध्वंस के समय रामलला को लेकर भागे थे।
  • आचार्य सत्येंद्र दास के निधन से पहले ही ट्रस्ट ने उनकी सहमति से फैसला ले लिया था।

Now there will be no chief priest in Ram Mandir?: अयोध्या:  राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने घोषणा की है कि अब राम मंदिर में कोई नया मुख्य पुजारी नियुक्त नहीं किया जाएगा। यह फैसला आचार्य सत्येंद्र दास के सम्मान में लिया गया है, जिनका पिछले दिनों निधन हो गया।

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चंपत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि आचार्य सत्येंद्र दास के निधन के छह महीने पहले ही राम मंदिर ट्रस्ट ने उनसे इस संबंध में सहमति ले ली थी। उन्होंने कहा कि उनकी आयु और विद्वत्ता के समान कोई और नहीं है, इसलिए किसी को मुख्य पुजारी घोषित करना अनुचित होगा।

Now there will be no chief priest in Ram Mandir?: ट्रस्ट महासचिव ने यह भी कहा कि आचार्य सत्येंद्र दास जैसा विद्वान कोई दूसरा नहीं है। ऐसे में किसी और को मुख्य पुजारी घोषित करना अतिशयोक्ति होगी। इस निर्णय के तहत राम मंदिर में पुजारी परंपरा को बिना किसी मुख्य पुजारी के आगे बढ़ाया जाएगा।

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कौन थे आचार्य सत्येंद्र दास?

गौरतलब है कि, सत्येंद्र दास 34 साल से रामजन्मभूमि में बतौर मुख्य पुजारी सेवा दे रहे थे। 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी विध्वंस के समय वे रामलला को गोद में लेकर भागे थे। तब से लेकर अपने निधन तक राम लला की सेवा कर रहे थे। सत्येंद्र दास का जन्म संत कबीरनगर जिले में 20 मई, 1945 में हुआ था। यह शहर अयोध्या से 98.4 किमी की दूरी पर है। वे बचपन से ही भक्ति भाव में रहते थे। उनके पिता अक्सर अयोध्या आया करते थे, वह भी अपने पिता के साथ अयोध्या घूमने आया करते थे। यहां उनके पिता अभिरामदास जी के आश्रम में आते थे। सत्येंद्र दास भी अभिराम जी के आश्रम में आने लगे थे। अभिराम दास वही थे, जिन्होंने राम जन्मभूमि में 22-23 दिसंबर 1949 में गर्भगृह में राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और सीता जी मूर्तियों के प्रकट होने का दावा किया था। इन्हीं मूर्तियों के आधार पर आगे की लड़ाई लड़ी गई।

आचार्य सत्येंद्र दास कौन थे?

आचार्य सत्येंद्र दास अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी थे, जिन्होंने 34 वर्षों तक रामलला की सेवा की।

उनका निधन कब और कैसे हुआ?

3 फरवरी 2025 को ब्रेन स्ट्रोक के बाद उन्हें लखनऊ के SGPGI में भर्ती कराया गया था, जहां 12 फरवरी 2025 को उनका निधन हो गया।

क्या राम मंदिर में नया मुख्य पुजारी नियुक्त किया जाएगा?

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने निर्णय लिया है कि आचार्य सत्येंद्र दास के निधन के बाद कोई नया मुख्य पुजारी नियुक्त नहीं किया जाएगा।

यह निर्णय क्यों लिया गया?

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार, आचार्य सत्येंद्र दास की विद्वत्ता और आयु के समान कोई अन्य नहीं है, इसलिए किसी को मुख्य पुजारी घोषित करना अनुचित होगा।

अब राम मंदिर में पूजा व्यवस्था कैसे होगी?

मुख्य पुजारी की नियुक्ति के बिना ही राम मंदिर में पुजारी परंपरा को आगे बढ़ाया जाएगा।