Force for Abortion: ‘अबॉर्शन करावाकर ही क्लास आना’ प्रेग्नेंट छात्राओं के लिए इंस्टीट्यूट ने जारी किया फरमान, सिंदूर-बिंदी लगाने पर भी प्रतिबंध

'अबॉर्शन करावाकर ही क्लास आना' प्रेग्नेंट छात्रों के लिए इंस्टीट्यूट ने जारी किया फरमान, सिंदूर-बिंदी लगाने पर भी प्रतिबंध Force for Abortion

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  • Publish Date - September 29, 2023 / 01:59 PM IST,
    Updated On - September 29, 2023 / 01:59 PM IST

रायबरेली: Force for Abortion शिक्षण संस्थानों में धार्मिक वेशभूषा और प्रतिकों को लेकर बीते ​कुछ दिनों से बवाल मचा हुआ है। कहीं हिजाब पहनकर आने वालों को प्रवेश नहीं दिया जाता तो कहीं तिलक लगाकर आने पर रोक लगा दी जाती है। उत्तर प्रदेश से भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां शादीशुदा स्टूडेंट्स को सिंदूर और बिंदी लगाकर क्लास आने से मना कर दिया गया है। मामले छात्रों की शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं।

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Force for Abortion मिली जानकारी के अनुसार पीड़ित छात्राओं ने जिलाधिकारी के पास पहुंचकर इंस्टीट्यूट मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्राओं ने जिलाधिकारी से साफ कहा कि इंस्टीट्यूट मैनेजमेंट ने उन्हें चूड़ी पहनने और सिंदूर लगाने से मना कर दिया है। यहां तक की बिंदी लगाने से भी मना कर दिया गया है। अब इस पूरे मामले पर डीएम ने जांच के आदेश दे दिए हैं।

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आपको बता दें कि ये पूरा मामला भदोखर थाना इलाके में स्थित मुंशीगंज के कृपालु इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल साइंस से सामने आया है। यहां की दो छात्राओं ने कृपालु इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल साइंस पर आरोप लगाया है कि यहां हिंदू प्रतीकों पर हमला किया जा रहा है। छात्राओं ने आरोप लगाया है कि इंस्टीट्यूट मैनेजमेंट द्वारा सिंदूर और बिंदी लगाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। छात्राओं का यह तक आरोप है कि प्रेग्नेंट होने पर इंस्टीट्यूट द्वारा उन्हें अबॉर्शन कराए जाने तक की बात कही जाती है और इसको लेकर प्रशर बनाया जाता है।

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छात्राओं का आरोप है कि अबॉर्शन नहीं कराए जाने पर इंस्टीट्यूट एडमिशन रद्द कर देता है और फीस के रुपये भी वापस नहीं देता। छात्राओं के गंभीर आरोपों के बाद अब डीएम हर्षिता माथुर ने जांच के आदेश दे दिए हैं। बता दें कि पीसीएस रैंक के अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। दूसरी तरफ इंस्टीट्यूट मैनेजमेंट की तरफ से कहा गया है कि छात्राओं के आरोप गलत हैं। नियम के मुताबिक, ड्रेस पहनने की बात की गई थी और ये पूरा मामला अटेंडेंस शॉर्ट को लेकर है। इंस्टीट्यूट का कहना है कि हमपर जो भी आरोप लगाए गए हैं, वह सभी गलत हैं।

 

 

 

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