Lucknow News/ image source: IBC24
Lucknow News: लखनऊ: लखनऊ के पेपरमिल कॉलोनी चौकी इलाके में बुधवार रात एक चौंकाने वाली और सनसनीखेज घटना सामने आई, जब एंटी करप्शन टीम ने दरोगा धनंजय सिंह को 2 लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आरोपी दरोगा ने गैंगरेप केस से नाम हटाने के लिए कोचिंग संचालक प्रतीक गुप्ता से पैसे की मांग की थी। प्रतीक गुप्ता ने जैसे ही दरोगा को रुपए दिए, एंटी करप्शन टीम ने उसे तुरंत पकड़ लिया और चौकी से बाहर लेकर अलीगंज थाने पहुंचाया।
जिस चौकी पर दूसरों को पकड़ कर लाते थे उसी चौकी से खुद गिरफ्तार हो गए!! लखनऊ की पेपरमिल पुलिस चौकी में तैनात दरोगा धनंजय सिंह को एंटी करप्शन टीम ने 2 लाख की रिश्वत लेते दबोचा। दरोगा धनंजय सिंह ने एक गंभीर मामले के निपटारे की एवज में रिश्वत मांगी थी#Lucknow #papermilpolicechouki pic.twitter.com/DQOSddpRj6
— CR Kuldeep kumar🇮🇳 (@Kuldeep3171) October 29, 2025
Lucknow News: जानकारी के अनुसार, मामला काफी पेचीदा और संवेदनशील है। प्रतीक गुप्ता ने बताया कि उनके यहां काम करने वाली एक महिला ने करीब चार महीने पहले जॉब छोड़ दी थी। इसके बाद महिला ने महानगर थाने में गैंगरेप का मामला दर्ज कराया। महिला ने आरोप लगाया कि डेढ़ साल पहले प्रतीक और रियाज नाम के व्यक्ति ने उसके साथ गैंगरेप किया था। प्रतीक ने कहा कि उन्हें मामले में शामिल होने के बावजूद रियाज अहमद का नाम भी फंसाया गया, जबकि वे रियाज को व्यक्तिगत रूप से जानते तक नहीं थे।
Lucknow News: प्रतीक ने बताया कि आरोपी महिला ने केस से बचने के लिए उनसे 50 लाख रुपए की मांग की थी। प्रतीक 10 लाख देने के लिए तैयार थे, लेकिन महिला ने कहा कि जब 50 लाख रुपए हो जाएं, तब बताएंगे। इस बीच, एसआई धनंजय सिंह ने केस से नाम हटाने के एवज में रिश्वत मांगी। प्रतीक ने इसके बाद एंटी करप्शन टीम को शिकायत की, जो 19 अक्टूबर को दर्ज की गई थी।
एंटी करप्शन, सीओ आरके शर्मा ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद टीम ने पूरी तरह से जांच की और पुष्टि करने के बाद 18 लोगों की टीम के साथ ट्रैप कार्रवाई की योजना बनाई। बुधवार को प्रतीक गुप्ता को 2 लाख रुपए के साथ चौकी भेजा गया। दरोगा ने रुपए स्वीकार करते ही टीम ने उसे पकड़ लिया। आरोपी को अलीगंज थाने लाया गया, जहां विधिक कार्रवाई की जा रही है।
ट्रैप ऑपरेशन में टीम ने किसी प्रकार की चूक न हो इसके लिए विशेष सावधानी बरती। प्रतीक की शर्ट में हिडन कैमरा लगाया गया था, जिससे रुपए लेने की पूरी प्रक्रिया और दरोगा की हरकतें कैमरे में कैद हो गईं। इससे सबूत पूरी तरह से सुरक्षित रहे।
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