Life imprisonment to Mukhtar Ansari
लखनऊ : Mukhtar Ansari Gangster Case : अपर सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट दुर्गेश की अदालत ने माफिया मुख्तार अंसारी और उनके करीबी भीम सिंह को 1996 के गैंगस्टर के मुकदमे में दोषी पाते हुए 10-10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई। मुख्तार अंसारी के इस केस 26 साल बाद यह फैसला आया है।
इस दौरान अभियोजन की तरफ से 11 गवाह पेश किए गए। 51 तारीखों में यह फैसला आया है। कोर्ट ने पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। सुनवाई के लिए मुख्तार अंसारी वीडियो कांफ्रेंस से पेश किया गया। फैसले के बाद भीम सिंह को पुलिस सुरक्षा में जिला कारागार भेज दिया गया।
Mukhtar Ansari Gangster Case : मुख्तार अंसारी व भीम सिंह के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा पहले एमपी-एमएलए कोर्ट प्रयागराज में काफी दिनों तक चला। इसके बाद प्रयागराज से ट्रांसफर होकर 27 जनवरी 2022 को गाजीपुर में स्थापित एमपी -एमएलए कोर्ट रामसुध सिंह के न्यायालय में आया। वहां अभियोजन की तरफ से कुल 11 गवाह पेश किए गए। बहस 14 नवंबर से चल रही थी।
न्यायाधीश रामसुध सिंह ने 25 नवंबर को सजा सुनाने की तिथि निर्धारित की थी। इस बीच उनका ट्रांसफर हो गया। इसके बाद पत्रावली को देखने का अधिकार उच्च न्यायालय प्रयागराज ने न्यायाधीश दुर्गेश को सौंपा। उनकी अदालत में सात दिनों तक लगातार बहस चली और फैसले की तिथि 15 दिसंबर नियत हुई।
Mukhtar Ansari Gangster Case : गुरुवार को न्यायालय ने मुख्तार अंसारी व उसके करीबी भीम सिंह निवासी ग्राम रामनथपुर को दस-दस साल की कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक नीरज श्रीवास्तव ने पैरवी की।