आत्मनिर्भरता एक विकल्प नहीं, बल्कि इस देश की जरूरत- राजनाथ सिंह

आत्मनिर्भरता एक विकल्प नहीं, बल्कि इस देश की जरूरत- राजनाथ सिंह

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  • Publish Date - June 17, 2023 / 02:49 PM IST,
    Updated On - June 17, 2023 / 02:49 PM IST

(फोटो के साथ)

लखनऊ, 17 जून (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1971 के युद्ध और करगिल युद्ध का उदाहरण देते हुए तेजी से बदल रहे वैश्विक परिदृश्य में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा कि आत्मनिर्भरता एक विकल्प नहीं, बल्कि इस देश की जरूरत है।

उन्होंने शनिवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध को याद करते हुए कहा कि 1971 के युद्ध के समय देश को रक्षा उपकरण देने से मना कर दिया गया था और देश को दूसरा रास्ता तलाशना पड़ा था। यही हाल करगिल युद्ध के दौरान था, जब सशस्त्र बलों ने उपकरणों की भारी जरूरत महसूस की थी।

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘1971 के युद्ध में जब हमें उपकरणों की सबसे अधिक जरूरत थी, हमें उपकरण देने से मना कर दिया गया। हमें दूसरा रास्ता तलाशना पड़ा। मैं उन देशों का नाम नहीं लेना चाहता जिन्होंने हमारा अनुरोध ठुकरा दिया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘करगिल युद्ध का ही उदाहरण लें। जब हमारे रक्षा बलों ने इन उपकरणों की प्रबल आवश्यकता महसूस की, उस समय वे देश हमें शांति का पाठ पढ़ा रहे थे जो पारंपरिक तौर पर हमें हथियारों की आपूर्ति किया करते थे और उन्होंने भी हमें हथियार देने से मना कर दिया था।’’

सिंह ने कहा, ‘‘इसका अर्थ हुआ कि जब जरूरत के समय कोई देश अपनी पीठ दिखा दे तब उस पर किसी चीज को लेकर निर्भर नहीं हुआ जा सकता। इसलिए, हमारे पास खुद को मजबूत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आपको पता है कि यह देश आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जमीन से लेकर आसमान तक और कृषि मशीनों से लेकर क्रायोजनिक इंजन तक, भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है।’’

रक्षा मंत्री ने कहा कि तेजी से बदल रही दुनिया में आत्मनिर्भरता एक विकल्प ही नहीं, बल्कि यह एक आवश्यकता है। हम हर क्षेत्र में इस देश की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित कर रहे हैं। रक्षा क्षेत्र में यह अधिक बढ़ा है क्योंकि यह मामला सीधे तौर पर इस देश की रक्षा से जुड़ा है।

भाषा अरुणव राजेंद्र नेत्रपाल सुरभि

सुरभि