Avantika Gupta Sitapur/Image Source: IBC24
सीतापुर: Avantika Gupta Sitapur: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में बेसिक शिक्षा अधिकारी और एक प्रधानाध्यापक के बीच विवाद के केंद्र में रहीं शिक्षिका अवंतिका गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई बीएसए द्वारा उच्च अधिकारियों के निर्देश पर की गई है। अवंतिका गुप्ता वही शिक्षिका हैं जिनके नाम को लेकर प्राथमिक विद्यालय नदवा के प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा और बीएसए अखिलेश सिंह के बीच विवाद गहराया था। विवाद तब और बढ़ गया जब स्कूल के छात्रों ने कैमरे पर बताया कि अवंतिका न तो नियमित रूप से स्कूल आती थीं और जब आती थीं तो देर से आकर जल्दी लौट जाती थीं। उनके विरुद्ध पहले ही वेतन रोकने का आदेश जारी किया जा चुका था।
सीतापुर में एक प्रिंसिपल ने BSA के ऑफिस में घुसकर बेल्ट ट्रीटमेंट दे दिया था , जिसका CCTV फुटेज वायरल हुआ था!
अब जांच में सामने आया हैं कि BSA अवंतिका गुप्ता नाम की महिला टीचर की अटेंडेंस लगाने का दबाव बना रहे थे,
जबकि महिला टीचर स्कूल ही नहीं आती हैं, आती भी हैं तो जल्दी निकल… pic.twitter.com/sHQgm2c3mw
— anil yadav (@anilyad79874219) September 26, 2025
बेचारी अवंतिका गुप्ता को सस्पेंड कर दिया गया है।
बेल्ट स्पेशलिस्ट प्रिंसिपल जेल में और BSA साहब बेल में है। https://t.co/HpvvwOMw2v pic.twitter.com/HNeocso2OA
— रावण (@raavan_india) September 26, 2025
Avantika Gupta Sitapur: निलंबन आदेश में बताया गया है कि शिक्षिका को 21 अगस्त 2025 से 20 सितंबर 2025 तक की अनुपस्थिति को लेकर बीएसए कार्यालय में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया था। लेकिन वह 23 सितंबर को सुनवाई में उपस्थित नहीं हुईं जिसके आधार पर उन्हें निलंबित कर दिया गया। यह पूरा मामला तब उजागर हुआ जब प्राथमिक विद्यालय नदवा के प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा ने बीएसए कार्यालय में गंभीर कहासुनी के बाद उन पर बेल्ट से हमला कर दिया। इस घटना के बाद मामला मीडिया की सुर्खियों में आ गया। बृजेंद्र वर्मा की पत्नी सीमा वर्मा ने आरोप लगाया कि उनके पति पर बीएसए द्वारा लगातार दबाव डाला जा रहा था कि वे शिक्षिका अवंतिका गुप्ता की उपस्थिति दर्ज करें जबकि वे विद्यालय में मौजूद नहीं रहती थीं। जब उनके पति ने ऐसा करने से इनकार किया तो बीएसए उन्हें प्रताड़ित करने लगे। पहले उनसे स्कूल में हुए तीन साल के कार्यों का ब्योरा मांगा गया। जब वह दे दिया गया तो दस साल का ब्योरा तलब किया गया। इसके बाद उन्हें बीएसए कार्यालय बुलाया गया, जहाँ दोनों के बीच बहस हुई और मामला हाथापाई तक पहुँच गया।
सीतापुर की सारी महाभारत इनके पीछे ही हुई थी।
इनका नाम अवंतिका गुप्ता है। बाकी खबर गूगल पर है। pic.twitter.com/8szLfz6VTa
— रावण (@raavan_india) September 26, 2025
Avantika Gupta Sitapur: इस विवाद का सबसे बुरा असर विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था पर पड़ा। पहले शिक्षक संतोष कुमार वर्मा को सोशल मीडिया पर राजनीतिक पोस्ट करने और नियमित रूप से विद्यालय न आने के आरोप में निलंबित किया गया। फिर अवंतिका गुप्ता को बीएसए द्वारा प्रतियोगी परीक्षा के उड़नदस्ते में अटैच कर दिया गया। जब स्कूल में केवल अवंतिका गुप्ता ही बचीं तो पढ़ाई बाधित होने लगी। प्रधानाध्यापक ने उन्हें पत्र भेजकर अटैचमेंट संबंधी दस्तावेज माँगे। यही बात पूरे विवाद की जड़ बन गई। अवंतिका को नोटिस भेजे जाने से नाराज़ बीएसए ने प्रधानाध्यापक को तलब किया जहाँ विवाद हिंसक हो गया।