उप्र : प्रमुख प्रौद्योगिकी संस्थानों की मदद से प्रदेश की 75 छोटी नदियों को पुनर्जीवित करने की कवायद

उप्र : प्रमुख प्रौद्योगिकी संस्थानों की मदद से प्रदेश की 75 छोटी नदियों को पुनर्जीवित करने की कवायद

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  • Publish Date - July 13, 2025 / 07:21 PM IST,
    Updated On - July 13, 2025 / 07:21 PM IST

लखनऊ, 13 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश की 75 छोटी और सहायक नदियों को नया जीवन देने के लिये प्रमुख प्रौद्योगिकी संस्थानों और 10 अहम विभागों की सहभागिता से एक समन्वित रणनीति बनाई गई है।

नदी पुनर्जीवन कार्य को प्रभावी और सतत बनाने के लिए मंडलायुक्त की अध्यक्षता में अनुश्रवण समिति का गठन किया गया है। साथ ही जिलों की छोटी एवं सहायक नदियों के पुनरुद्धार के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से तकनीकी सहयोग लिया जा रहा है।

राज्य सरकार द्वारा यहां जारी एक बयान के मुताबिक, सरकार प्रदेश की नदियों के पुनरुद्धार के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रही है। इस कार्य में आईआईटी रुड़की, आईआईटी कानपुर, आईआईटी काशी हिंदू विश्वविद्यालय और बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ जैसे प्रतिष्ठित संस्थान कार्य में तकनीकी मार्गदर्शन दे रहे हैं। ये संस्थान हर नदी की भौगोलिक, पारिस्थितिक और सामाजिक परिस्थितियों का अध्ययन कर उपयुक्त पुनर्जीवन योजना बना रहे हैं।

बयान के अनुसार, सरकार द्वारा नदियों के कायाकल्प का काम वर्ष 2018 से ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के तहत शुरू किया गया था। अब इस काम को और भी ज्यादा संगठित, तकनीकी एवं व्यापक स्वरूप में आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके तहत जलधाराओं की सफाई, ‘चैनलिंग’, वर्षा जल संचयन और पौधरोपण जैसे काम किये जा रहे हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, सरकार द्वारा तैयार किए गए मास्टरप्लान के अनुसार नदी पुनर्जीवन अभियान को सुचारू रूप से धरातल पर उतारने के लिए 10 विभागों की सहभागिता सुनिश्चित की गई है। इनमें सिंचाई विभाग, लघु सिंचाई, पंचायती राज, वन, बागवानी, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, मत्स्य, शहरी विकास, उत्तर प्रदेश राज्य जल संसाधन एजेंसी, ग्रामीण विकास और राजस्व विभाग शामिल हैं। इन विभागों के तालमेल से हर जिले में योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं।

अधिकारियों ने बताया कि प्रक्रिया के तहत हर मंडल में एक अनुश्रवण समिति का गठन किया गया जिसकी अध्यक्षता संबंधित मंडलायुक्त कर रहे हैं। यह समिति छोटी नदियों के पुनरुद्धार की योजनाओं का नियमित परीक्षण कर उनकी प्रगति की समीक्षा करती है। इसका उद्देश्य यह है कि योजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध और गुणवत्ता युक्त हो।

भाषा सलीम नोमान शफीक

शफीक