बोरिस जॉनसन ने यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के औपचारिक तौर पर अलग होने को ‘शानदार लम्हा’ बताया

बोरिस जॉनसन ने यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के औपचारिक तौर पर अलग होने को 'शानदार लम्हा' बताया

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  • Publish Date - January 1, 2021 / 05:10 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:06 PM IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, एक जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के औपचारिक रूप से अगल होने (ब्रेक्जिट) को ‘ शानदार लम्हा’ करार दिया और नये साल के अपने संदेश में जटिल वार्ता प्रक्रिया के उपरांत 27 सदस्यीय इस आर्थिक समूह से अपने देश के अलग होने के बाद अब चीजें ‘अलग और बेहतर’ ढंग से कर पाने का अपनी सरकार का सामर्थ्य व्यक्त किया।

तकनीकी रूप से यूरोपीय संघ से 31 जनवरी, 2020 को अलग होने के बावजूद ब्रिटेन एकल बाजार और सीमाशुल्क संघ के सदस्य के तौर पर इस समूह से जुड़ा हुआ था, लेकिन यह सदस्यता बृहस्पतिवार रात ग्यारह बजे समाप्त हो गई। ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने नये मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की शर्तों के तहत नयी व्यापारिक साझेदारी शुरू की है।

ब्रिटेन में 2016 में लोगों ने ब्रेक्जिट के पक्ष में मतदान किया था जिसके साढे तीन साल बाद ब्रिटेन औपचारिक रूप से यूरोपीय संघ से अलग हो गया। लेकिन वह 11 महीने तक यूरोपीय संघ के व्यापार नियमों से बंधा रहा और दोनों पक्षों ने अपने भावी आर्थिक साझेदारी पर सघन वार्ता की।

आखिरकार क्रिसमस के मौके पर ऐतिहासिक संधि पर सहमति बनी और बुधवार को ब्रिटेन में कानून बना।

ब्रेक्जिट संक्रमण की अवधि खत्म होने के साथ ही ब्रिटेन की यूरोपीय संघ की सदस्यता आखिरी क्षण के एफटीए के आधार पर खत्म हो गयी। एफटीए को ब्रिटेन की संसद ने बुधवार को मंजूरी दी थी। रात ग्यारह बजे ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने की प्रक्रिया पूर्ण हो गयी।

जॉनसन ने कहा, ‘‘हमारे देश के लिए यह शानदार लम्हा है। अब हमारे पास आजादी है और इसका अधिकतम लाभ उठाना हम पर निर्भर करता है। ’’

कोविड-19 के खिलाफ मंजूर टीके के रूप में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के ‘‘उम्मीद की किरण’’ के तौर पर जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘2021 में सूर्योदय हुआ है और निश्चित ही हामरे पास ये टीके होंगे। ’’

बीबीसी के अनुसार नयी व्यवस्था के तहत ब्रिटेन के विनिर्माताओं की यूरोपीय संघ के अंदरूनी बाजारों में शुल्कमुक्त पहुंच होगी जिसका अर्थ होगा कि समूह और ब्रिटेन के बीच वस्तुओं की आवाजाही पर आयात शुल्क नहीं होगा। हालांकि व्यापार और लोगों को यात्राओं के लिए अधिक कागजी कार्रवाई करनी होगी। वैसे बैंकिंग और सेवा क्षेत्र को लेकर अनिश्चिचता है।

भाषा राजकुमार पवनेश

पवनेश