लंदन, 25 अक्टूबर (एपी) बाल रोग विशेषज्ञों ने ब्रिटिश सरकार से अनुरोध किया है कि वह अपने फैसले को बदले और विद्यालय अवकाश के दौरान गरीब बच्चों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराए क्योंकि कोविड-19 महामारी ने और परिवारों को गरीबी में धकेल दिया है।
‘रॉयल कॉलेज ऑफ पीडियाट्रिक्स एंड चाइल्ड हेल्थ’ के करीब 2200 सदस्यों ने कंजरवेटिव प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को एक खुला पत्र लिखकर कहा कि वे इस मुद्दे पर कदम वापस नहीं खींचने के उनके फैसले से स्तब्ध हैं। ब्रिटिश संसद के निचले सदन ‘द हाउस ऑफ कॉमन्स’ ने पिछले हफ्ते उस कानून को खारिज कर दिया था जो अक्टूबर से ईस्टर की छुट्टियों तक सभी विद्यालय अवकाशों के दौरान मुफ्त में भोजन उपलब्ध कराने का रास्ता साफ करता।
चिकित्सकों ने कहा कि करीब 40 लाख बच्चे गरीबी में रहते हैं और उनमें से एक तिहाई स्कूल में मिलने वाले मुफ्त भोजन पर निर्भर हैं। उन्होंने दलील दी कि ब्रिटेन में महामारी के दौरान कई अभिभावकों की नौकरी छूट गई या उन्हें कम घंटों के लिये ही काम मिल रहा है, ऐसे में गरीब बच्चों को कम से कम दिन में एक वक्त पोषणयुक्त भोजन मिलता।
चिकित्सकों ने लिखा, “जो परिवार पहले अपने खर्च उठा पा रहे थे वो अब कोविड-19 के प्रभाव की वजह से खर्च चला पाने के लिये संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें यूं ही अवकाश पर भेज देना सही नहीं होगा। वह भी यह जानते हुए कि उनमें से कई बच्चे भूखे रहेंगे।” इंग्लैंड में अधिकतर विद्यालयों में सोमवार से एक हफ्ते का अवकाश शुरू हो रहा है।
एपी
प्रशांत नरेश
नरेश