तेल अवीव, 12 मई (एपी) खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञों ने सोमवार को कहा कि अगर इजराइल ने अपनी नाकेबंदी नहीं हटाई और अपना सैन्य अभियान बंद नहीं किया तो गाजा पट्टी में अकाल का खतरा बढ़ सकता है।
भूख संकट की गंभीरता पर एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्राधिकरण, ‘इंटिग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन’’ के निष्कर्षों के अनुसार, जब तक परिस्थितियां नहीं बदलतीं, तब तक अकाल की संभावना सबसे अधिक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग पांच लाख फलस्तीनी नागरिक भुखमरी के ‘विनाशकारी’ कगार पर खड़े हैं, जबकि अन्य 10 लाख लोग ‘आपातकालीन’ स्थिति से गुजर रहे हैं।
इजराइल ने पिछले 10 हफ्तों से फलस्तीनी क्षेत्र में किसी भी तरह के भोजन, आश्रय, दवा या अन्य सामान के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि वह हवाई हमले और जमीनी अभियान चला रहा है।
गाजा की लगभग 23 लाख की आबादी जीवित रहने के लिए लगभग पूरी तरह से बाहरी सहायता पर निर्भर है, क्योंकि इजराइल के 19 महीने से जारी सैन्य अभियान ने गाजा के अंदर खाद्य उत्पादन की अधिकांश क्षमता को खत्म कर दिया है।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने आईपीसी रिपोर्ट पर टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया।
सेना ने कहा है कि दो महीने के युद्धविराम के दौरान गाजा में पर्याप्त सहायता पहुंची, जिसे इजराइल ने मार्च के मध्य में अपने सैन्य अभियान को फिर से शुरू करके तोड़ दिया था।
इजराइल का कहना है कि नाकेबंदी का उद्देश्य हमास पर उन बंधकों को रिहा करने के लिए दबाव डालना है, जिन्हें उसने अब भी बंधक बना रखा है।
भाषा सुरेश रंजन
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