Sacrifice Ban in Bakrid: देशभर में कुर्बानी पर लगी रोक….बकरों की खरीदी बिक्री पर तत्काल रोक, बकरीद से पहले यहां की सरकार ने लिया बड़ा फैसला
Sacrifice Ban in Bakrid: देशभर में कुर्बानी पर लगी रोक....बकरों की खरीदी बिक्री पर तत्काल रोक, बकरीद से पहले यहां की सरकार ने लिया बड़ा फैसला
Sacrifice Ban in Bakrid: देशभर में कुर्बानी पर लगी रोक....बकरों की खरीदी बिक्री पर तत्काल रोक / Image Source: File
- मोरक्को सरकार ने बकरीद से पहले पूरे देश में कुर्बानी पर पूरी तरह से रोक लगा दी है
- राजा मोहम्मद VI ने यह फैसला देश में भयंकर सूखे को देखते हुए लिया है
- कुर्बानी के लिए खरीदे गए जानवर जब्त किए जा रहे हैं, जिससे लोगों में भारी आक्रोश है
रबात: Sacrifice Ban in Bakrid आगामी दिनों में पूरी दुनिया में ईद अल अजहा यानी बकरीद का त्योहार मनाया जाएगा। इस अवसर पर मुस्लिम भाई बकरे या किसी जानवरी की कुर्बानी देते हैं। लेकिन इस बीच खबर आ रही है कि कुर्बानी पर पूरी तरह से रोक लगा दिया गया है। बताया जा रहा है कि ये फैसला पूरे देश में लागू होगा। सरकार के इस आदेश के बाद बकरे के बाजार को पूरी तरह बंद कर दिया गया है, साथ ही कुर्बानी देने के लिए पहले ही खरीद कर रखे गए जानवरों को जब्त कर लिया गया है।
Sacrifice Ban in Bakrid मिली जानकारी के अनुसार अफ्रीकी देश मोरक्को ने बकरीद से पहले बड़ा फैसला लेते हुए कुर्बानी पर रोक लगा दी है। बताया जा रहा है कि राजा मोहम्मद VI ने ये फैसला देश में भयंकर सूखे को देखते हुए लिया है। बता दें कि मोरक्को एक मुस्लिम देश है, यहां की 99 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। ऐसे में यहां कुर्बानी पर रोक लगाने से बेहद आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इस फैसले से ये धार्मिक बहस भी छिड़ गई है कि क्या सरकार या राजा को धार्मिक अनुष्ठान को रोकने का हक है।
मोरक्को के राजा मोहम्मद-VI के कुर्बानी ना करने के शाही फरमान के बाद सुरक्षाबलों ने कई शहरों में कुर्बानी रोकने के लिए कार्रवाई की है। राजा के इस फैसले को मोरक्को और मुस्लिम वर्ल्ड के लोगों ने एक खतरनाक मिसाल बताया है। कई लोगों ने इसे धार्मिक रीति-रिवाजों में सरकार का सीधा दखल कहा है। वहीं कुछ लोगों ने देश की आर्थिक और स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए फैसले का बचाव किया है।
मोरक्को में सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हैं, जिनें पुलिस लोगों के घरों में घुसकर भेड़ों को जब्त करते हुए दिख रही है। कई मोरक्कोवासियों ने इस कदम को उनके धार्मिक पवित्र विश्वासों का अपमान माना है। उनका मानना है कि सरकार महंगा रोकने और नागरिकों का ध्यान रखने में विफल है। इससे ध्यान हटाने के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं।

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