United Nations General Assembly : नई दिल्ली – संयुक्त राष्ट्र महासभा यानी यूएनजीए में तुर्की ने वल्र्ड लीडर्स के सामने कश्मीर का मुद्दा उठाया, जिस पर भारत ने तुर्की को ही आईना दिखा दिया। तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने कश्मीर की बात करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच कश्मीर को लेकर अभी भी शांति नहीं है। न्यूयार्क में हो रही यूएनजीए की मीटिंग में तुर्की ने कश्मीर समस्या का हल मांगा। एर्दोगन ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं, लेकिन दोनों देश आज तक कश्मीर समस्या का हल नहीं निकाल पाए हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं आशा करता हूं की कश्मीर में सुख-समृद्धि फिर लौट आएगी।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
United Nations General Assembly : वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन रवीश कुमार ने तुर्की को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि तुर्की हमारे आंतरिक मामले में दखल न दे। कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग है। तुर्की को कश्मीर मुद्दे पर फैक्ट्स चेक करके इस मामले की समझ बढ़ानी चाहिए।
United Nations General Assembly : रवीश ने कहा कि कश्मीर मुद्दे की जगह तुर्की को पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों के बारे में बात करनी चाहिए। ऐसा पहली बार नहीं है जब तुर्की ने कश्मीर के मुद्दे पर बात की है। इससे पहले 2020 में एर्दोगन ने पाकिस्तान में कश्मीर के लोगों की तुलन तुर्की के लोगों से की थी। एर्दोगन ने कहा था कि तुर्की की आजादी के समय पाकिस्तान के लोगों ने हमारी मदद की थी। पाकिस्तान की इस मदद को हम नहीं भूले हैं और न कभी भूलेंगे। कल हमारे देश के लिए जिस तरह कनक्कल तुर्की का समुद्र तटीय हिस्सा अहम था, बिलकुल उसी तरह आज कश्मीर हमारे लिए मायने रखता है। दोनों में कोई फर्क नहीं है।