अंतरराष्ट्रीय समुदाय सुनिश्चित करे कि लश्कर और जैश को अफगानिस्तान में पनाह न मिले: भारत

अंतरराष्ट्रीय समुदाय सुनिश्चित करे कि लश्कर और जैश को अफगानिस्तान में पनाह न मिले: भारत

अंतरराष्ट्रीय समुदाय सुनिश्चित करे कि लश्कर और जैश को अफगानिस्तान में पनाह न मिले: भारत
Modified Date: September 18, 2025 / 10:49 am IST
Published Date: September 18, 2025 10:49 am IST

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 18 सितंबर (भाषा) भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद सहित संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी संगठन और उनके मददगार अब आतंकवादी गतिविधियों के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल न कर पाएं।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने बुधवार को कहा, ‘‘भारत अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है।’’

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उन्होंने स्पष्ट रूप से पाकिस्तान का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह सुनिश्चित करने के लिए समन्वित प्रयास करने चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा घोषित आतंकी संगठन और व्यक्ति जैसे कि आईएसआईएल (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवांट), अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद व उनके खतरनाक इरादों में मदद करने वाले अब अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए न कर पाएं।’’

अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में वक्तव्य देते हुए राजदूत हरीश ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के बीच सभ्यतागत संबंध हैं और इस युद्धग्रस्त देश में शांति और स्थिरता बनाए रखने में भारत का ‘‘सर्वोच्च हित’’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अफगानिस्तान से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सहमति व सहयोग को अत्यंत आवश्यक मानते हैं। देश में शांति, स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने के लिए हम सभी संबंधित पक्षों के साथ सक्रिय रूप से संवाद कर रहे हैं। दोहा में संयुक्त राष्ट्र की बैठकों और अन्य क्षेत्रीय मंचों में हमारी भागीदारी, हमारे इन प्रयासों को दर्शाती है।’’

राजदूत हरीश ने सुरक्षा परिषद को यह भी बताया कि भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से दो बार बात कर चुके हैं।

भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की अफगानिस्तान द्वारा की गई कड़ी निंदा का स्वागत किया।

इसके साथ ही भारत ने इस बात पर बल दिया कि किसी भी संघर्ष-पश्चात स्थिति से निपटने के लिए प्रभावी नीति में सकारात्मक व्यवहार को प्रोत्साहित करना और हानिकारक गतिविधियों को हतोत्साहित करना आवश्यक है।

भाषा खारी वैभव

वैभव


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