किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया की आर्थिक समस्याएं दूर करने का लिया संकल्प

किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया की आर्थिक समस्याएं दूर करने का लिया संकल्प

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  • Publish Date - June 19, 2021 / 03:02 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:14 PM IST

सियोल, 19 जून (एपी) उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने सत्तारूढ़ पार्टी की एक बड़ी बैठक के समापन पर अपने देश में खाद्य की कमी को स्वीकार किया और गहराती आर्थिक समस्याओं से बाहर निकालने का संकल्प लिया।

उन्होंने अपने अधिकारियों से अमेरिका के साथ वार्ता एवं टकराव दोनों के लिए तैयार रहने को कहा। उत्तर कोरिया के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के विशेष प्रतिनिधि सुंग किम रुकी हुई परमाणु संबंधी कूटनीति पर शनिवार को वार्ता के लिए दक्षिण कोरिया पहुंचे। इससे कुछ ही देर पहले उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने किम का बयान जारी किया।

किम जोंग उन ने सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की केंद्रीय समिति की चार दिवसीय पूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक देश की संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था को उबारने के प्रयासों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी, जो वर्षों के कुप्रबंधन और अमेरिका के नेतृत्व वाले प्रतिबंधों के कारण खराब स्थिति में हैं और कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर देश की सीमाएं बंद होने के कारण स्थिति और बदतर हो गई है।

‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ ने बताया कि किम ने शुक्रवार को बैठक के समापन पर केंद्रीय समिति की ओर से ‘‘शपथ’’ ली कि पार्टी ‘‘क्रांति के रास्ते में आने वाली कठिनाइयों का सामना निश्चित रूप से करेगी’’।

इससे पहले, किम ने अपनी सरकार को अमेरिका के साथ बातचीत और टकराव दोनों के लिए तैयार करने का आदेश दिया था। अमेरिका उत्तर कोरिया से परमाणु हथियार संबंधी अपनी महत्वाकांक्षाओं को त्यागने और वार्ता पर लौटने का आग्रह कर रहा है।

किम ने अपनी परमाणु क्षमता बढ़ाने की धमकी दी है और कहा है कि कूटनीति और द्विपक्षीय संबंधों का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि वाशिंगटन उन नीतियों को छोड़ता है या नहीं, जिन्हें वह शत्रुतापूर्ण समझते हैं।

किम ने मंगलवार को केंद्रीय समिति की पूर्ण बैठक की शुरुआत में संभावित खाद्य कमी को लेकर सचेत किया और अधिकारियों से कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के तरीके खोजने का आग्रह किया क्योंकि स्थिति ‘‘अब तनावपूर्ण हो रही है’’। उन्होंने कहा कि देश को कोविड-19 संबंधी प्रतिबंधों में विस्तार के लिए तैयार रहना चाहिए। इससे यह संकेत मिलता है कि वह अपनी अर्थव्यवस्था पर संकट के बावजूद महामारी से निपटने के लिए सीमाओं को बंद करने समेत अन्य कदमों को विस्तार देंगे।

एपी सिम्मी सुरभि

सुरभि