बैंकॉक, 13 दिसंबर (एपी) म्यांमा की सेना ने पश्चिमी प्रांत रखाइन के एक अस्पताल पर हुए हवाई हमले को अंजाम देने की बात शनिवार को स्वीकार की। स्थानीय बचावकर्मियों और मीडिया की खबरों के अनुसार इस हमले में मरीजों, चिकित्साकर्मियों और बच्चों सहित 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
सरकारी अखबार ‘ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमा’ में प्रकाशित एक बयान में सेना के सूचना कार्यालय ने कहा कि सेना द्वारा 2021 में सत्ता अपने हाथ में लेने के बाद बने लोकतंत्र समर्थक मिलिशिया समूह ने अस्पताल को अपने अड्डे के रूप में इस्तेमाल किया। इस समूह में अराकान आर्मी और पीपुल्स डिफेंस फोर्स शामिल हैं।
बयान में कहा गया कि सेना ने आवश्यक सुरक्षा उपाय किए और बुधवार को अस्पताल की इमारतों में आतंकवाद रोधी अभियान चलाया। इसमें यह भी कहा गया कि मारे गए या घायल लोग मिलिशिया के हथियारबंद सदस्य और उनके समर्थक थे, कोई आम नागरिक नहीं था।
रखाइन में बचाव सेवाओं के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया था कि अराकान आर्मी (एए) के कब्जे वाले म्राउक-यू में स्थित सरकारी अस्पताल पर सेना के एक लड़ाकू विमान द्वारा दो बम गिराए गए, जिससे मरीजों और चिकित्सा कर्मचारियों सहित 34 लोगों की मौत हो गई और लगभग 80 अन्य घायल हो गए।
उन्होंने बताया कि बुधवार रात के हमलों से अस्पताल की इमारत पूरी तरह नष्ट हो गई।
समूह ने बृहस्पतिवार को जारी बयान में कहा कि वह न्याय सुनिश्चित करने और सेना के खिलाफ “कड़ी और निर्णायक कार्रवाई” करने के लिए वैश्विक संगठनों के सहयोग से जवाबदेही तय करेगा।
समूह ने अलग-अलग बयानों में यह भी कहा कि अस्पताल पर हमले के बाद से सेना ने रखाइन के पांच कस्बों में रात के समय कई हवाई हमले किए, जिनमें कम से कम आठ आम नागरिकों की मौत हुई और 10 अन्य घायल हुए।
अराकान आर्मी, म्यांमा की केंद्रीय सरकार से स्वायत्तता की मांग करने वाले रखाइन जातीय अल्पसंख्यक आंदोलन की प्रशिक्षित और सुसज्जित सैन्य शाखा है। इसने नवंबर 2023 में रखाइन में अपना आक्रमण शुरू किया और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रीय सैन्य मुख्यालय और रखाइन के 17 में से 14 कस्बों पर कब्जा कर लिया।
एपी खारी संतोष
संतोष