कोविड-19 से ठीक हुए मरीज का प्रतिरोधी तंत्र वायरस के अन्य स्वरूपों के खिलाफ कारगर : अध्ययन

कोविड-19 से ठीक हुए मरीज का प्रतिरोधी तंत्र वायरस के अन्य स्वरूपों के खिलाफ कारगर : अध्ययन

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  • Publish Date - January 24, 2021 / 05:53 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:05 PM IST

न्यूयॉर्क ,24 जनवरी (भाषा) एक नए अध्ययन में पता चला है कि कोविड-19 महामारी से ठीक हो चुके लोग कम से कम छह माह या उससे भी अधिक वक्त तक नए कोरोना वायरस से सुरक्षित रहते हैं।

अध्ययन के अनुसार संक्रमित होने के बाद लंबे वक्त तक प्रतिरोधक तंत्र विकसित होता है और यह वायरस के अन्य स्वरूपों जैसे की संक्रमण के दक्षिणी अफ्रीकी स्वरूप को भी रोक सकता है।

पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि प्रतिरोधी कोशिकाएं एंटीबॉडीज बनाती हैं,जो बाद में विकसित होती रहती हैं।

अमेरिका के रॉकफेलर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों तथा अन्य वैज्ञानिकों का मानना है कि यह अध्ययन ‘‘अब तक का सबसे मजबूत साक्ष्य’’ पेश करता है कि प्रतिरोधी तंत्र वायरस को ‘‘याद’’ रखता है और संक्रमण समाप्त होने के बाद भी एंटीबॉडीज की गुणवत्ता में सुधार करता रहता है।

उनका मानना है जब संक्रमण से उबर चुका कोई व्यक्ति अगली बार वायरस के संपर्क में आता है, तो तंत्र तेजी से तथा और प्रभावी ढंग से काम करते हुए पुन: संक्रमित होने से रोकता है।

अध्ययन में शामिल रॉकफेलर विश्वविद्यालय के माइकल सी नूसेन्जवीग कहते हैं,‘‘ यह वास्तव में उत्साहित करने वाली खबर है। जिस तरह की प्रतिरोधी प्रतिक्रिया हम यहां देख रहे हैं,वह कुछ वक्त के लिए प्रभावी सुरक्षा प्रदान कर सकती है।’’

कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज रक्त के प्लाज्मा में कई हफ्तों अथवा महीनों के लिए रहती हैं, पूर्व के अध्ययनों ने दिखाया है कि वक्त के साथ इनका स्तर काफी हद तक गिर जाता है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि हर वक्त एंटीबॉडीज तैयार करने के बजाए प्रतिरोधी तंत्र एक ‘मेमोरी बी सेल’ (कोशिका) बनाता है ,जो कोरोना वायरस को पहचानती है और जब वह दूसरी बार इसके संपर्क में आती है तो तत्काल नए एंटीबॉडीज छोड़ देती है।

भाषा

शोभना प्रशांत

प्रशांत