वेटिकन सिटी, 26 अप्रैल (एपी) पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में विश्व नेताओं और कैथोलिक अनुयायियों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर शनिवार को उन्हें अंतिम विदाई दी।
इस कार्यक्रम में पोप के रूप में फ्रांसिस की प्राथमिकताएं और पादरी के रूप में उनकी इच्छाएं प्रतिबिंबित हुईं।
कई देशों के राष्ट्रपति और राजकुमार ‘सेंट पीटर्स स्क्वायर’ में फ्रांसिस के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल हुए तथा बेसिलिका में उन्हें दफनाया जाएगा।
करीब 2,50,000 लोग अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल हुए।
वहां बड़ी संख्या में युवा मौजूद थे। शायद यही वजह है कि इस कार्यक्रम में माहौल गंभीर नहीं था। और जब प्रार्थना सभा के आरंभ में फ्रांसिस के साधारण ताबूत को सेंट पीटर्स बेसिलिका से बाहर लाया गया तो शोक संतप्त लोग मोबाइल फोन से ‘सेल्फी’ ले रहे थे।
कॉलेज ऑफ कार्डिनल के डीन, कार्डिनल जियोवानी बतिस्ता रे (91) ने पोप फ्रांसिस की प्रशंसा करते हुए उन्हें आम लोगों का पोप बताते हुए कहा कि वह ऐसे पादरी थे जो अनौपचारिक एवं सहज शैली में ‘‘हमारे बीच सबसे कमजोर’’ लोगों से संवाद करना जानते थे।
रे ने फ्रांसिस को ‘‘लोगों के बीच रहने वाला पोप एवं सभी के लिए खुले दिल वाला’’ बताया।
उन्होंने कहा कि फ्रांसिस की जो आखिरी छवि कई लोगों के मन में है, वह ईस्टर रविवार को आशीर्वाद देने और उसी ‘स्क्वायर’ में पोपमोबाइल (पोप का वाहन) से सलामी देने की है, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
उन्होंने जब प्रवासियों के लिए फ्रांसिस द्वारा निरंतर जताई गई चिंता को याद किया, तो भीड़ ने उनकी सराहना की। रे ने पोप का अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर जाना और यूनान के लेस्बोस में शरणार्थी शिविर की यात्रा करना तथा 12 प्रवासियों को अपने साथ घर लाने का उल्लेख किया।
रे ने कहा, ‘‘उनके मिशन का सूत्र वाक्य यह विश्वास भी था कि चर्च सभी के लिए एक घर है, एक ऐसा घर जिसके दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं।’’
फ्रांसिस ने कमजोर लोगों पर ध्यान दिया था, लेकिन उनके अंतिम संस्कार में शक्तिशाली लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर मौजूद थे।
कार्यक्रम में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राजकुमार विलियम और यूरोपीय संघ के नेताओं सहित 160 से अधिक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल मौजूद थे।
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली और फ्रांसिस के बीच भले ही खास मेल जोल नहीं था लेकिन पोप की राष्ट्रीयता के कारण माइली को गौरवपूर्ण स्थान दिया गया।
सेंट पीटर्स बेसिलिका से फ्रांसिस के ताबूत को स्क्वायर में वेदी के सामने लाने के लिए जुलूस की शुरुआत के संकेत के तौर पर घंटियां बजाई गईं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की सहित गणमान्य व्यक्ति वेदी के एक तरफ बैठे थे और लाल वस्त्र धारण किए कार्डिनल दूसरी ओर बैठे थे।
ट्रंप और जेलेंस्की ने अंतिम संस्कार के दौरान निजी तौर पर मुलाकात की। अंतिम संस्कार वेटिकन में नौ दिवसीय आधिकारिक शोक अवधि की शुरुआत का प्रतीक है।
फ्रांसिस ने पिछले साल वेटिकन की परंपराओं और रीति-रिवाजों में बदलाव कर उन्हें सरल बनाते समय अपने अंतिम संस्कार कार्यक्रम को लेकर अपनी इच्छा बताई थी।
वेटिकन ने कहा कि उनका उद्देश्य पोप की भूमिका को केवल एक पादरी के रूप में दिखाना था, न कि ‘‘इस दुनिया के एक शक्तिशाली व्यक्ति’’ के रूप में।
शुक्रवार रात पोप के ताबूत में रखे गए उनके जीवन के आधिकारिक आदेश के अनुसार, फ्रांसिस ने पोप के रूप में 12 साल में अपने पद के संबंध में आमूलचूल सुधार किए और पादरियों के सेवक होने पर जोर दिया। उन्होंने 2013 में अपने चयन के कुछ ही दिन बाद इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया था।
सेंट पीटर्स स्क्वायर के आस-पास की सड़कों पर विशाल टेलीविजन स्क्रीन लगाई गईं ताकि लोग पोप के अंतिम संस्कार कार्यक्रम को देख सकें। फ्रांसिस के ताबूत को उस पोपमोबाइल में रखा गया जिसका इस्तेमाल उन्होंने 2015 में फिलीपीन की अपनी यात्रा के दौरान किया था। इस दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए।
एपी सुभाष पवनेश
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