श्रीलंका के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे के परिवार के सदस्य को गिरफ्तार किया

श्रीलंका के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे के परिवार के सदस्य को गिरफ्तार किया

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  • Publish Date - June 27, 2025 / 09:27 PM IST,
    Updated On - June 27, 2025 / 09:27 PM IST

कोलंबो, 27 जून (भाषा) श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के एक पारिवारिक सदस्य को देश की भ्रष्टाचार निरोधक संस्था ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

आयोग ने एक बयान में कहा कि राजपक्षे के रिश्तेदार निशांत विक्रमसिंघा को रिश्वत या भ्रष्टाचार जांच आयोग (सीआईएबीओसी) ने गिरफ्तार किया है और ये गिरफ्तारी श्रीलंकाई विमानन के चेयरमैन के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान विमान खरीद सौदों में अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में की गई है।

इसके बाद उन्हें कोलंबो में मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पेश किया गया।

देश की पूर्व प्रथम महिला शिरंथी राजपक्षे के भाई विक्रमसिंघा पर 2008 से 2015 तक राष्ट्रीय विमानन कंपनी का नेतृत्व करते हुए प्रांत को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।

समाचार पोर्टल ‘डेलीमिरर.एलके’ की खबर के अनुसार, विक्रमसिंघा को 22 जनवरी 2014 को एक उड़ान के गंतव्य में परिवर्तन करके सरकार को 4,512 अमेरिकी डॉलर का वित्तीय नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

इसके अलावा, 75 यात्रियों को विमान से उतार दिए जाने के कारण सरकार को 19,160 अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ।

ये यात्री मालदीव से आये थे और 26 जनवरी 2014 को फ्रांस जाने वाले थे।

आयोग ने आगे आरोप लगाया कि विक्रमसिंघा ने 2015 में पूर्व राष्ट्रपति के चुनाव अभियान गतिविधियों के लिए सरकारी धन का दुरुपयोग किया था।

यह गिरफ्तारी राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के प्रशासन द्वारा 2005 से 2015 के बीच राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकारों के दौरान कथित वित्तीय कदाचार के खिलाफ शुरू किए गए व्यापक भ्रष्टाचार-विरोधी अभियान का हिस्सा है।

राजपक्षे परिवार के कई अन्य सदस्य और पूर्व अधिकारी भी जांच के दायरे में आ गए हैं।

इस साल की शुरुआत में राजपक्षे के बेटे योशिता राजपक्षे को संपत्ति अधिग्रहण से संबंधित धनशोधन के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा, पूर्व मंत्रियों महिंदानंद अलुथगामगे और नलिन फर्नांडो को मई में भ्रष्टाचार के लिए दोषी ठहराया गया और क्रमशः 20 और 25 साल की कैद की सजा सुनाई गई।

भाषा यासिर सुरेश

सुरेश