संयुक्त राष्ट्र, 23 दिसंबर (भाषा) सूडान के प्रधानमंत्री ने प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल के साथ लगभग 1,000 दिनों से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए सोमवार को एक शांति पहल का प्रस्ताव रखा लेकिन अमेरिका ने दोनों पक्षों से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के तत्काल मानवीय संघर्षविराम के आह्वान को स्वीकार करने का आग्रह किया।
सूडान की असैन्य सरकार का नेतृत्व कर रहे कामिल इदरीस ने सुरक्षा परिषद को बताया कि उनकी योजना में संयुक्त राष्ट्र, अफ्रीकी संघ और अरब लीग की निगरानी में संघर्षविराम, अर्धसैनिक बलों की उनके कब्जे वाले सभी इलाकों से वापसी, उन्हें निगरानी वाले शिविरों में रखा जाना और उनका निरस्त्रीकरण शामिल है।
अप्रैल 2023 में सूडान में उस समय अराजकता पैदा हो गई थी जब सेना और शक्तिशाली अर्धसैनिक ‘रैपिड सपोर्ट फोर्सेज’ के बीच सत्ता संघर्ष खुली लड़ाई में बदल गया और इस दौरान बड़े पैमाने पर हत्या एवं बलात्कार की घटनाएं हुईं तथा जातीय आधार पर हिंसा हुई। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों के अनुसार यह युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध की श्रेणी में आता है।
यह असंभव प्रतीत होता है कि ‘रैपिड सपोर्ट फोर्सेज’ प्रधानमंत्री के इस प्रस्ताव का समर्थन करेगी क्योंकि इस प्रस्ताव से सरकारी बलों को मूलतः जीत मिल जाएगी और अर्धसैनिक बलों की सैन्य शक्ति समाप्त हो जाएगी।
अमेरिका और प्रमुख मध्यस्थों सऊदी अरब, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात द्वारा समर्थित संघर्षविराम समझौता का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए इदरीस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि सरकार का प्रस्ताव ‘‘स्वदेशी है- यह हम पर थोपा हुआ नहीं है।’’
इदरीस से पहले परिषद को संबोधित करते हुए अमेरिका के उप राजदूत जेफ्री बार्टोस ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने आगे बढ़ने के रास्ते के रूप में एक मानवीय संघर्षविराम समझौते की पेशकश की है और ‘‘हम दोनों पक्षों से आग्रह करते हैं कि वे बिना किसी शर्त के इस योजना को तुरंत स्वीकार करें।’’
बार्टोस ने कहा कि ट्रंप प्रशासन दारफूर और कोर्दोफान क्षेत्र में जारी भीषण हिंसा तथा सूडानी सशस्त्र बलों तथा ‘रैपिड सपोर्ट फोर्सेज’ दोनों द्वारा किए गए अत्याचारों की कड़े शब्दों में निंदा करता है और इसके लिए उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार सूडान में जारी युद्ध में 40,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन सहायता समूहों का कहना है कि वास्तविक संख्या इससे कई गुना अधिक हो सकती है।
एपी सिम्मी शोभना
शोभना