Suicide attacks in Pakistan/ Image Credit: IBC24 File
इस्लामाबाद: Suicide attacks in Pakistan पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत के खुजदार जिले में बुधवार को एक स्कूल बस पर आत्मघाती हमले में तीन बच्चों समेत कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और 38 घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पाकिस्तानी सेना ने एक बयान में बताया कि यह घटना खुजदार जिले में हुई, जहां स्कूली बच्चों को ले जा रही एक बस को निशाना बनाया गया।
Suicide attacks in Pakistan इसमें कहा गया है कि तीन बच्चों और तीन वयस्कों की मौत हो गई, तथा कई अन्य बच्चे जख्मी हो गए। किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है गृह मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर एक बयान में कहा कि विस्फोट एक ‘विहिकल-बोर्न इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (वीबीआईईडी) के जरिये किया गया। खबर के मुताबिक, खुजदार के उपायुक्त यासिर इकबाल दश्ती ने बताया कि ‘जीरो प्वाइंट’ क्षेत्र के पास हुए विस्फोट में 38 लोग ज़ख्मी हो गए।
उन्होंने बताया कि घटना के बाद कानून प्रवर्तन कर्मचारी मौके पर पहुंचे और छानबीन के लिए सुबूतों को इकट्ठा किया। यासिर ने कहा कि शुरुआती जांच से पता चला है कि यह हमला एक आत्मघाती विस्फोट था। उन्होंने बताया कि शवों और घायलों को कम्बाइंड मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया, जहां से गंभीर रूप से घायलों को क्वेटा और कराची के चिकित्सा केंद्रों में रेफर कर दिया गया। अपने बयान में फौज ने आरोप लगाया कि भारत से जुड़े समूहों ने इस हमले को अंजाम दिया, जिसे नयी दिल्ली ने ‘बेबुनियाद’ बताकर खारिज कर दिया।
दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि आतंकवाद के ‘‘वैश्विक केंद्र’’ के रूप में अपनी पहचान से ध्यान हटाने के लिए अपने सभी आंतरिक मुद्दों के लिए भारत को दोष देना पाकिस्तान की ‘‘आदत’’ बन गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘भारत आज खुजदार क्षेत्र में हुई घटना में भारत की संलिप्तता के बारे में पाकिस्तान द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों को खारिज करता है।’’
उन्होंने कहा कि भारत ऐसी सभी घटनाओं में हुई मौतों पर शोक व्यक्त करता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस हमले की कड़ी निंदा की और मासूम बच्चों और उनके शिक्षकों की हत्या पर गहरा शोक व्यक्त किया। खबर के मुताबिक, एक बयान में उन्होंने घटना में मासूम बच्चों और उनके शिक्षकों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया शरीफ ने यह भी आरोप लगाया कि यह हमला भारत समर्थित आतंकवादियों द्वारा किया गया। हालांकि, उन्होंने अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया।
उन्होंने अधिकारियों को अपराधियों की पहचान करने और उन्हें इंसाफ के दायरे में लाने का भी निर्देश दिया। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा, “मासूम बच्चों को निशाना बनाने वाले दरिंदों के साथ कोई रियायत नहीं बरती जानी चाहिए।” ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से लगे बलूचिस्तान प्रांत में लंबे समय से उग्रवाद फैला हुआ है। बलूच उग्रवादी गुटों ने पूर्व में भी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजनाओं को निशाना बनाकर कई हमले किए हैं।
स्थानीय बलोच जातीय समूह और राजनीतिक दल लंबे समय से यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि संघीय सरकार प्रांत की खनिज संपदा का दोहन कर रही है, जिससे क्षेत्र में असंतोष और हिंसा की स्थिति बनी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमले के बाद प्रांतीय मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने न सिर्फ सूबे में सक्रिय हर आतंकवादी को बेनकाब करने का संकल्प लिया, बल्कि उन्हें “पूरी तरह से खत्म करने” की भी कसम खाई। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने भी एक बयान में हमले की निंदा की। उन्होंने कहा, “मासूम बच्चों को निशाना बनाना अत्यंत शर्मनाक और कायरतापूर्ण कृत्य है। हम शोक संतप्त परिवारों के साथ पूरी एकजुटता से खड़े हैं। इस भयानक घटना की जितनी भी निंदा की जाए, कम है।”