CG Ki Baat: लाल हिंसा पर घातक प्रहार..फिर क्यों सियासी रार? क्या नक्सली मददगारों पर शिकंजा कसने की तैयारी हो गई? देखिए पूरी रिपोर्ट

CG Ki Baat: लाल हिंसा पर घातक प्रहार..फिर क्यों सियासी रार? क्या नक्सली मददगारों पर शिकंजा कसने की तैयारी हो गई? देखिए पूरी रिपोर्ट

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Modified Date: May 21, 2025 / 11:56 PM IST
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Published Date: May 21, 2025 11:56 pm IST
HIGHLIGHTS
  • 27 नक्सली मारे गए, जिनमें टॉप लीडर बसव राजू भी शामिल
  • AK-47, वायरलेस सेट और IED जैसे हाईटेक हथियार बरामद
  • राजनीति में श्रेय की लड़ाई, BJP और कांग्रेस आमने-सामने

रायपुर: CG Ki Baat बुधवार को एक बार फिर बस्तर के लाल गढ़ में सुरक्षाबल के जांबाज जवानों ने कमाल किया। DRG ने अबूझमाड़ में जंगल में घुसकर नक्सल मांद को फिर तहस-नहस कर दिया। 27 नक्सली ढेर हुए, जिसमें शामिल है टॉप नक्सल लीडर भी। बड़ी बात ये कि ये उन सफलताओँ की एक और कड़ी है। जो हालिया वक्त में हमें मिली है। इसी के साथ सत्तापक्ष ने फिर साफ कहा है कि जंगल में नक्सल गढ़ के साथ-साथ निशाने पर उनका शहरी नेटवर्क भी है।

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CG Ki Baat जाहिर है सरकार इन कामयाबियों को अपने खाते में जोड़ रही है, जिससे विपक्ष सहमत नहीं है, चिंतित है विपक्षी इसका कुछ श्रेय अपनी पिछली सरकार के प्रयास को भी दे रहे हैं। सवाल यहां ये है कि नक्सलियों के खिलाफ इस निर्णायक संघर्ष में नाकामी पर सवाल उठाने वाले विपक्ष को अब सफलता पर श्रेय सरकार को मिले इसमें आपत्ति क्यों है, सवाल ये भी कि क्या इस वक्त ये श्रेय की होड़ जरूरी है?

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दक्षिण बस्तर में कर्रेगुट्टा पहाड़ पर अब तक के सबसे लंबे चले एंटी नक्सल ऑपरेशन- ब्लैक फोरेस्ट में 31 नक्सलियों को ढेर करने के बाद, बुधवार को नारायणपुर में अबूझमाड़ के जंगलों में सुरक्षा बल के जवानों ने 27 नक्सलियों को ढेर कर दिया जिसमें सबसे बड़ा नाम है, 1.5 करोड़ का इनामी नक्सली नम्बाला केशव राव, उर्फ बसव राजू। DRG जवानों ने ऑपरेशन के बाद सघन सर्चिंग में मारे गए 27 नक्सलियों के शव, AK-47 समेत कई हाईटेक हथियार बरामद किए।

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देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री ने X-पोस्ट कर ऑपरेशन की सफलता पर सुरक्षाबल के जवानों को बधाई दी। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के CM और डिप्टी CM के बयान पर कांग्रेस ने कहा कि, बीजेपी अब इस पर श्रेय लेने की होड़ में है जबकि इस सफलता के लिए असल जमीन तैयार करने का काम पिछली भूपेश सरकार ने किया, जिसका जिक्र तक नहीं किया जा रहा।

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इधर, कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप का दावा है कि देश-प्रदेश जानता है कि नक्सलवाद के पूर्ण खात्मे का संकल्प बीजेपी सरकार का है, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का है, अब ना एक भी नक्सली बख्शा जाएगा ना एक भी अर्बन नक्सली छोड़ा जाएगा…विपक्ष ने इस दावे को खारिज करते हुए उल्टे बीजेपी पर तंज कसा।

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कुल मिलाकर जैसे देश में ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीजेपी-कांग्रेस नेताओं में आतंक के खिलाफ निर्णायक बड़े एक्शन के श्रेय को लेकर सियासी रार छिड़ी है तो यहां छत्तीसगढ़ में पक्ष-विपक्ष में नक्सलियों के पूर्ण सफाए के ऑपरेशन्स में एक के बाद मिलती सफलता के क्रेडिट को लेकर भी बहस छेड़ी जा रही है? सवाल ये है कि प्रदेश का आमजन इन सफलताओं का क्रेडिट असल में किन्हें देते हैं?

"अबूझमाड़ ऑपरेशन" में कितने नक्सली मारे गए हैं?

अबूझमाड़ के जंगलों में DRG के ऑपरेशन में कुल 27 नक्सली मारे गए, जिनमें टॉप कमांडर बसव राजू भी शामिल है।

"DRG" क्या है और इसका क्या रोल रहा इस ऑपरेशन में?

DRG (District Reserve Guard) छत्तीसगढ़ पुलिस की विशेष इकाई है, जिसे नक्सल प्रभावित इलाकों में ऑपरेशन के लिए तैयार किया गया है। इस ऑपरेशन की मुख्य अगुवाई DRG ने की।

क्या "बसव राजू" की मौत की पुष्टि हुई है?

ऑपरेशन में मारा गया एक नक्सली बसव राजू के रूप में पहचाना गया है, जिस पर 1.5 करोड़ का इनाम था।