इतना क्रूर है ये ‘भावी राष्ट्रपति’! 30 हजार लोगों के कत्ल का आरोप, गर्भवती महिलाओं को किया टार्चर, कैदियों को पहाड़ से फेंका

इतना क्रूर है ये 'भावी राष्ट्रपति'! 30 हजार लोगों के कत्ल का आरोप, गर्भवती महिलाओं को किया टार्चर, कैदियों को पहाड़ से फेंका

इतना क्रूर है ये ‘भावी राष्ट्रपति’! 30 हजार लोगों के कत्ल का आरोप, गर्भवती महिलाओं को किया टार्चर, कैदियों को पहाड़ से फेंका
Modified Date: November 29, 2022 / 08:58 pm IST
Published Date: June 17, 2021 12:45 pm IST

तेहरान। ईरान (Iran) में शुक्रवार 18 जून को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में कट्टर मौलवी इब्राहिम रायसी (Ebrahim Raisi) की जीत लगभग तय है, रायसी को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई (Ayatollah Ali Khamenei) का करीबी माना जाता है। संसद के अनुसंधान केंद्र के प्रमुख अलीरेजा जकानी के राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने के बाद इब्राहिम रायसी की दावेदारी और भी मजबूत हो गई है। रायसी को बेहद क्रूर माना जाता है, ऐसे में इसकी पूरी संभावना है कि मौजूदा राष्ट्रपति हसन रूहानी (Hassan Rouhani) की कुर्सी पर बैठने के बाद वह और भी ज्यादा बेरहम हो जाए।

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‘द सन’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, मौलवी इब्राहिम रायसी ने कुछ साल पहले कथित तौर पर गर्भवती महिलाओं को टार्चर करने का आदेश दिया था, इतना ही नहीं उसके आदेश पर कैदियों को पहाड़ों से फेंक दिया गया था और मासूम लोगों की बिजली की तारों से पिटाई भी की गई थी, रायसी 1988 में सामूहिक नरसंहार के फैसले से भी जुड़े रहे हैं।

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न्यायपालिका के प्रमुख रहे इब्राहिम रायसी का ईरान में काफी दबदबा है, हालांकि, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि रायसी के देश का राष्ट्रपति बनने से स्थिति और भी खराब हो सकती है, 1988 के सामूहिक नरसंहार में रायसी ने अहम भूमिका निभाई थी, 1980 में महज 20 साल की उम्र में रायसी को तेहरान के पश्चिम में करज की क्रांतिकारी अदालत का अभियोजक नियुक्त किया गया था और 1988 में उन्हें प्रमोट करके Deputy Prosecutor बना दिया गया।

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इसके बाद उन्हें चार सदस्यों की उस समिति का हिस्सा बनाया गया, जिसे ईरान पीपुल्स मुजाहिदीन संगठन (People’s Mojahedin Organization of Iran- PMOI) के कैद कार्यकर्ताओं की हत्या का जिम्मा सौंपा गया था, जिसके तहत ईरान की जेलों में बंद करीब 30 हजार लोगों को कुछ ही महीनों के अंतराल में गोलियों से भून दिया गया था, इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, जिसके बाद इस नरसंहार को लेकर ईरान की आलोचना पूरी दुनिया ने की थी।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com