डब्ल्यूएफपी प्रमुख की लाखों लोगों को भुखमरी से बचाने के लिए अमीरों से मदद की अपील

डब्ल्यूएफपी प्रमुख की लाखों लोगों को भुखमरी से बचाने के लिए अमीरों से मदद की अपील

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  • Publish Date - September 18, 2020 / 12:21 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:07 PM IST

संयुक्त राष्ट्र, 18 सितंबर (एपी) संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के प्रमुख डेविड ब्यासले ने चेतावनी दी कि संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 महामारी की प्रणघातक तिकड़ी से करोड़ों लोग भुखमरी के करीब हैं।

उन्होंने दानकर्ता देशों और अरबपतियों से गरीबों के लिए भोजन और उनकी जिंदगी सुनिश्चित करने के लिए मदद की अपील की।

इस बीच, बिजनेस इनसाइडर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अमेजॉन संस्थापक जेफ बेजोस, माइक्रोसॉफ्ट के पूर्व सीईओ स्टीव वालमर, टेस्ला के सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) एलन मस्क, कैसिनो कारोबारी शेलडन एडेलसन और अन्य की संपत्ति में महामारी के दौरान अरबों डॉलर की वृद्धि हुई है।

ब्यासले ने कहा, ‘‘हम लोगों के संपत्ति बनाने के खिलाफ नहीं हैं लेकिन मानवता बड़े संकट से गुजर रही है जिसे हम में से किसी ने अपने जीवनकाल में नहीं देखा है। यह समय है जिनके पास सबसे अधिक है वे आगे आएं और विश्व इतिहास के सबसे असधारण वक्त में जिनके पास बहुत कम है उनकी मदद करें।’’

ब्यासले ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि पांच महीने पहले संभावित ‘भुखमरी महामारी’ की दी गई उनकी चेतावनी के बाद उठाए कदम से अकाल जैसे हालात को टाल दिया गया और लोग जिंदा हैं लेकिन अभी काम पूरा नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएफपी और उसके साझेदार इस साल करीब 13.8 करोड़ लोगों तक पहुंचने जा रहे हैं। यह हमारे इतिहास की सबसे बड़ी संख्या है।

ब्यासले ने कहा कि अभी बहुत मदद करने की जरूरत है क्योंकि 27 करोड़ लोग भुखमरी की ओर बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अभी ही तीन करोड़ लोग पूरी तरह से डब्लयूएफपी पर खाने के लिए निर्भर हैं और मदद नहीं मिलने पर खाना खाए बिना मर जाएंगे।

ब्यासले ने चेतावनी दी कि करीब तीन दर्जन देशों में अकाल पड़ सकता है जिनमें पहले ही संघर्ष से कमजोर पड़ चुके स्थान शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि अफ्रीकी देश कांगो में हिंसा और अस्थिरता बढ़ी है और पहले ही 1.55 करोड़ लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं।

ब्यासले ने कहा कि कोष की कमी की वजह से यमन को भोजन मुहैया कराने के लिए दी जाने वाली मद में कटौती करनी पड़ी है। नाइजीरिया और दक्षिण सूडान में लाखों लोग महामारी की वजह से खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं।

एपी धीरज नरेश

नरेश