दुनियाभर में अभिशाप है मोटापा, बढ़ाता है मुश्किलें

दुनियाभर में अभिशाप है मोटापा, बढ़ाता है मुश्किलें

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  • Publish Date - June 2, 2021 / 11:26 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:00 PM IST

रेबेका पुहल, कनेक्टिकट विश्वविद्यालय

कनेक्टिकट (अमेरिका), दो जून (द कन्वरसेशन) आलसी, किसी से सीखते भी नहीं, कोई आत्म अनुशासन नहीं, कोई इच्छाशक्ति नहीं, यह रूढ़िवादी टिप्प्णियां करके अमेरिकी समाज में आम तौर पर उन लोगों को कोसा जाता है, जिनका वजन ज्यादा है या जिनके शरीर का आकार बड़ा है।

वजन की अधिकता को अभिशाप माना जाता है और अधिक वजन वाले लोगों के प्रति इस तरह के दृष्टिकोण के कारण कई अमेरिकियों को दोषी ठहराया जाता है, छेड़ा जाता है, धमकाया जाता है, उनके साथ दुर्व्यवहार और भेदभाव किया जाता है।

अधिक वजन को कलंक मानने वाले समाज में इसे छिपाने के लिए कोई जगह नहीं है। दशकों के शोध से यह साबित हुआ है कि कार्यस्थलों, स्कूलों, स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों, सार्वजनिक आवास और जनसंचार माध्यमों के साथ-साथ मित्रों और परिवारों के साथ घनिष्ठ पारस्परिक संबंधों में भी अधिक वजन का यह अभिशाप मौजूद रहता है।

मैं कनेक्टिकट विश्वविद्यालय में रुड सेंटर फॉर फ़ूड पॉलिसी एंड ओबेसिटी में एक मनोवैज्ञानिक और शोधकर्ता हूँ। 20 वर्षों से मेरी टीम ने वजन के अभिशाप का अध्ययन किया है। हमने वजन को लेकर बनी इन धारणाओं की उत्पत्ति और व्यापकता, विभिन्न सामाजिक संस्थानों में इसकी उपस्थिति, इसकी वजह से लोगों के स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान और इस समस्या से निपटने की रणनीतियों की जांच की है।

हमने हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन किया जो स्पष्ट रूप से दिखाता है कि वजन का अभिशाप व्यापक और हानिकारक है तथा इसे मिटाना मुश्किल है। यह विभिन्न देशों, भाषाओं और संस्कृतियों के लोगों के सामने समान रूप से खड़ी एक परेशानी है।

एक सतत अमेरिकी पूर्वाग्रह

अमेरिकी वयस्कों में, अधिक वजन वाले लोगों के लिए इसकी वजह से परेशान होना एक सामान्य अनुभव है, 40% से अधिक लोगों के अनुसार उन्हें वजन की अधिकता के कारण छेड़ा जाता है, उनके साथ अनुचित व्यवहार और भेदभाव किया जाता है। उच्च बॉडी मास इंडेक्स वाले लोगों या मोटापे से ग्रस्त लोगों और महिलाओं के लिए यह व्यवहार सबसे अधिक प्रचलित हैं। युवाओं के लिए, शरीर का वजन चिढ़ाने और धमकाने के सबसे प्रचलित कारणों में से एक है।

तथ्य यह है कि 40% से अधिक अमेरिकियों में मोटापा होने के बावजूद इस समूह के लोगों के प्रति सार्वजनिक दृष्टिकोण को नरम नहीं किया जा सका है और कुछ मामलों में तो यह पहले से भी बिगड़ गया है।

मोटापे के जटिल और बहुपक्षीय कारण होने की बात वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित होने के बावजूद यह माना जाता है कि मोटा व्यक्ति अपने मोटापे के लिए खुद जिम्मेदार है। अधिक वजन को अभिशाप मानने का यह एक कारण हैं। अमेरिकी संस्कृति में पतलेपन को विशेषता मानने, बड़े शरीर वाले लोगों के नकारात्मक मीडिया चित्रण और एक फलते फूलते आहार उद्योग को देखते हुए इस मानसिकता को बदलना मुश्किल है। ये कारक मोटापे के प्रति इस दोषपूर्ण दृष्टिकोण की पुष्टि करते हैं कि शरीर का बढ़ा हुआ वजन असीम रूप से निंदनीय है। वैसे मोटे लोगों को इस वजन भेदभाव से बचाने के लिए कानून की भी

कमी है।

सार्वजनिक धारणा के विपरीत, वजन का अभिशाप लोगों को वजन कम करने के लिए प्रेरित नहीं करता है। इसके बजाय यह स्वास्थ्य को खराब करता है और जीवन की गुणवत्ता को कम करता है। अधिक वजन के अभिशाप के हानिकारक प्रभाव वास्तविक और लंबे समय तक चलने वाले हो सकते हैं। वे भावनात्मक संकट से लेकर – अवसादग्रस्तता के लक्षण, चिंता, आत्मसम्मान में कमी- अव्यवस्थित भोजन, अस्वास्थ्यकर भोजन आदत, कम शारीरिक गतिविधि, वजन में वृद्धि, शारीरिक तनाव में वृद्धि और स्वास्थ्य देखभाल से दूर रहने के रूप में सामने आ सकते हैं।

एक साझा संघर्ष

बढ़े वजन का अभिशाप अकेले अमेरिका में ही नहीं है। यह दुनिया भर में मौजूद है। हालांकि, कुछ अध्ययनों ने विभिन्न देशों में अधिक वजन अभिशाप को झेल रहे लोगों के अनुभवों की सीधे तौर पर तुलना की है।

हमारे हाल के अध्ययन में, हमने छह देशों में ज्यादा वजन का अभिशाप झेल रहे लोगों के अनुभवों की तुलना की: ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और अमेरिका। ये देश उन समान सामाजिक मूल्यों को साझा करते हैं जो शरीर के वजन के लिए संबद्ध व्यक्ति को दोष देते हैं और वजन को लेकर शर्मिंदा किए जाने और दुर्व्यवहार को कम करने के लिए कुछ नहीं करते। अध्ययन में 13,996 वयस्क (प्रति देश लगभग 2,000 लोग) थे जो अपने वजन का प्रबंधन करने का सक्रिय रूप से प्रयास कर रहे थे।

अपने अधिक वजन या शरीर के बड़े आकार के कारण लोगों को जिन पूर्वाग्रहों का सामना करना पड़ा, वे छह देशों में उल्लेखनीय रूप से समान थे, अध्ययन में शामिल किए गए प्रतिभागियों में से आधे से अधिक – औसतन 58% – अधिक वजन के अभिशाप का अनुभव करते थे। अधिक वजन के कारण सबसे ज्यादा कोसने वाालों में परिवार के सदस्य (76%-87%), सहपाठी (72%-76%) और डॉक्टर (58%-73%) थे। बचपन और किशोरावस्था के दौरान ये अनुभव सबसे अधिक बार और परेशान करने वाले थे।

अध्ययन में शामिल कई लोगों ने यह भी बताया कि अधिक वजन के कारण किए जाने वाले व्यवहार पर उन्होंने अपने बारे में कैसा महसूस किया, ‘‘वजन पूर्वाग्रह आंतरिककरण’’ की इस प्रक्रिया में, लोग अपने बारे में नकारात्मक सोचते हैं। वे अपने वजन के लिए खुद को दोषी मानते हैं और खुद को हीन और सामाजिक प्रताड़ना के योग्य मानते हैं।

हम अपने पहले के शोध से जानते थे कि वजन पूर्वाग्रह आंतरिककरण के हानिकारक स्वास्थ्य प्रभाव हैं, और यह यहां भी सच था। छह देशों में, जितना अधिक लोगों ने वजन पूर्वाग्रह को आत्मसात किया, उतना ही उन्होंने वजन बढ़ाया, तनाव से निपटने के लिए ढेरों खाना खाया, जिम जाने से परहेज किया, शरीर की अस्वस्थ छवि के साथ उच्च तनाव तक पहुंच गए। ये निष्कर्ष लोगों के शरीर के आकार या वजन अभिशाप के उनके पिछले अनुभवों की परवाह किए बिना बने रहे।

इसके अलावा, सभी छह देशों में अधिक आंतरिक वजन पूर्वाग्रह वाले लोगों ने स्वास्थ्य से संबंधित जीवन की गुणवत्ता और स्वास्थ्य देखभाल के अनुभवों को बदतर बताया। वे स्वास्थ्य देखभाल से बचते थे, जांच कम कराते थे और कम आंतरिककरण वाले लोगों की तुलना में घटिया स्वास्थ्य देखभाल के बारे में अधिक सूचना देते थे।

हमारे अध्ययन के अनूठे बहुराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य से पता चलता है कि अधिक वजन का अभिशाप आमतौर पर अनुभव किया जाता है, अक्सर आंतरिक होता है और अपने वजन का प्रबंधन करने की कोशिश कर रहे लोगों के बीच खराब स्वास्थ्य और स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित होता है। ऐसे में अधिक वजन अभिशाप का सामना करना एक सामूहिक संघर्ष प्रतीत होता है, लेकिन यह एक ऐसा संघर्ष है जिससे लोग अपने दम पर जूझ रहे हैं।

आशावाद के कारण

जहां वजन के अभिशाप को खत्म करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है, वहीं सामाजिक नजरिए में बदलाव हो रहा है। हाल के वर्षों में, मोटापे को लेकर शर्मिंदा करने के नुकसान ने लोगों का ध्यान बढ़ाया है, और इसी तरह शरीर की सकारात्मकता भी बढ़ी है। दोनों वजन के आधार पर अनुचित व्यवहार को रोकने के प्रयासों को बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।

चिकित्सा समुदाय में भी यह मान्यता बढ़ रही है कि इस दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। 2020 में, नौ देशों में 100 से अधिक चिकित्सा और वैज्ञानिक संगठनों ने एक संयुक्त अंतर्राष्ट्रीय सर्वसम्मति बयान पर हस्ताक्षर किए और वजन अभिशाप और इसके हानिकारक प्रभाव पर ध्यान देने की प्रतिज्ञा की।

हमारा शोध वजन भेदभाव से निपटने के लिए व्यापक और ठोस नीतियों के प्रति पर्याप्त सार्वजनिक समर्थन दिखाता है। राष्ट्रीय अध्ययनों की एक श्रृंखला में, हमने पाया कि 70% से अधिक अमेरिकी मौजूदा राज्य नागरिक अधिकार कानूनों में नस्ल और उम्र जैसी श्रेणियों के साथ शरीर के वजन को एक संरक्षित श्रेणी के रूप में जोड़ने का समर्थन करते हैं। वे नियोक्ताओं के लिए वजन के आधार पर कर्मचारियों के साथ भेदभाव करने को अवैध बनाने के लिए नए कानून का भी समर्थन करते हैं।

मेरा मानना ​​है कि अमेरिका के अंदर और बाहर दोनों जगह इस समस्या के समाधान के लिए व्यापक और सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता है, हालांकि यह चुनौतीपूर्ण लग सकता है, लेकिन वास्तव में यह काफी सरल है: यह सभी तरह के वजन और आकार वाले लोगों के लिए सम्मान, गरिमा और समान व्यवहार के बारे में है।

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