Weather Update Today : अगले तीन दिनों तक इन राज्यों में होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
Weather Update Today : दिल्ली-एनसीआर में बारिश के बाद मौसम का मिजाज बदल गया है और लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है
Weather Update Today
नई दिल्ली : Weather Update Today : दिल्ली-एनसीआर में बारिश के बाद मौसम का मिजाज बदल गया है और लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है, लेकिन इसके साथ ही यमुना और हिंडन नदी के बढ़ते जलस्तर ने चिंता बढ़ा दी है। बारिश के बाद मौसम सुहाना हो गया है और लोगों को राहत मिली है, लेकिन इससे यमुना और हिंडन नहीं का जलस्तर बढ़ सकता है और एक बार फिर दिल्ली के अलावा नोएडा के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
अगले तीन दिन तक ऐसा रहेगा मौसम का हाल
Weather Update Today : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगले तीन दिनों तक बारिश के आसार हैं और मौसम ऐसा ही बना रहेगा। आईएमडी ने बताया कि बारिश की वजह से तापमान में दो डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आ सकीत है और इस वजह लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिलेगी। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में अगले तीन दिनों तक मध्यम बारिश के आसार हैं।
लोगों को मिली उमस से राहत
Weather Update Today : दिल्ली-एनसीआर में बारिश के बाद लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में बुधवार को अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है, जबकि न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आसपान बना रहेगा। इससे पहले मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी का अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सिय दर्ज किया गया था, जो सामान्य से 3 डिग्री ज्यादा है।
खतरे के निशान के पास है यमुना का जलस्तर
Weather Update Today : बारिश के बाद यमुना और हिंडन नहीं का जलस्तर बढ़ सकता है, जिसके बाद दिल्ली के अलावा नोएडा और गाजियाबाद में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। पिछले 2 दिनों से यमुना का जलस्तर 206 मीटर के आसपास चल रहा है और मंगलवार शाम को 205.35 मीटर दर्ज किया गया था। ओल्ड रेलवे ब्रिज पर 13 जुलाई को 208.66 मीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद नदी का जलस्तर खतरे के निशान के आसपास बना हुआ है। जलस्तर बढ़ने के कारण रेलवे ने रविवार रात ओआरबी पर रेलगाड़ियों का आवागमन रोक दिया था। अधिकारियों ने बताया कि नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ प्रभावित निचले क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास के काम पर असर पड़ सकता है।

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