Ganesh Chaturthi 2022: भगवान गणेश को क्यों कहते हैं एकदंत?, जानें पूरी सच्चाई
Ganesh Chaturthi 2022: शिव महापुराण के अनुसार गणेश जी की दो पत्नियां थीं। रिद्धि और सिद्धि और उनके दो पुत्र शुभ और लाभ हैं।
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Ganesh Chaturthi 2022: शिव महाView postपुराण के अनुसार गणेश जी की दो पत्नियां थीं। रिद्धि और सिद्धि और उनके दो पुत्र शुभ और लाभ हैं। ब्रह्मावैवर्त पुराण के मुताबिक एक दिन परशुराम भगवान शिव से मिलने के लिए कैलाश मंदिर गए थे। उस समय भगवान शिव ध्यान कर रहे थे, जिस कारण गणेश जी ने परशुराम को अपने पिता यानी भगवान शिव से मिलने से रोक दिया। इस बात से परशुराम बेहद क्रोधित हो गए और उन्होंने गणेश जी पर हमला कर दिया।
हमले के लिए परशुराम ने जो हथियार इस्तेमाल किया था वे उन्हें खुद भगवान शिव ने ही दिया था। गणेश जी नहीं चाहते थे कि परशुराम द्वारा उन पर किया गया हमला बेकार जाए क्योंकि हमला करने के लिए हथियार खुद उनके पिता ने ही परशुराम को दिया था। उस हमले के दौरान उनका एक दांत टूट गया था, तभी से उन्हें ‘एकदंत’ के नाम से पहचाने जाने लगा। गणेश पुराण के मुताबिक, व्यक्ति के शरीर का मूलाधार चक्र गणेश भी कहा जाता है।
इस प्रकार गणेश की शिक्षा विष्णु के अवतार गुरु परशुराम के आशीष से सहज ही हो गई। कालांतर में उन्होंने इसी टूटे दंत से महर्षि वेदव्यास से उच्चरित महाभारत कथा का लेखन किया। भगवान गणेश के एकदंत विग्रह का पूजन वंदन स्मरण गणेशोत्सव के दौरान चौथे दिन अर्थात् भाद्रपद शुक्ल सप्तमी को करना विशेष फलदायी है।
देवताओं में प्रथम पूज्य गणेश को एकदंत रूप आदिशक्ति पार्वती, आदिश्वर भोलेनाथ और जगतपालक श्रीहरि विष्णु की सामूहिक कृपा से प्राप्त हुआ। गणेश इसी रूप में समस्त लोकों में पूजनीय, वंदनीय हैं।
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