जिलाधिकारी अवैध बालू खनन पर अंकुश लगाने के लिए स्थायी चेकपोस्ट बनाएं: बिहार सरकार

जिलाधिकारी अवैध बालू खनन पर अंकुश लगाने के लिए स्थायी चेकपोस्ट बनाएं: बिहार सरकार

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  • Publish Date - November 20, 2023 / 04:47 PM IST,
    Updated On - November 20, 2023 / 04:47 PM IST

पटना, 20 नवंबर (भाषा) बिहार सरकार ने अवैध बालू खनन पर अंकुश लगाने के लिए जिलाधिकारियों को संवेदनशील स्थानों पर स्थायी चेकपोस्ट बनाने के निर्देश दिये हैं। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि भोजपुर, जमुई, नवादा, रोहतास, औरंगाबाद और कैमूर जिलों में इस तरह के निगरानी बुनियादी ढांचे की स्थापना की प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है।

बिहार सरकार ने यह कदम कई जिलों से बालू माफिया द्वारा पुलिस कर्मियों और खान एवं भूतत्व विभाग के अधिकारियों पर हमले की खबरों के बाद उठाया है।

अधिकारी ने कहा, ‘राज्य सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक बैठक में जिलाधिकारियों को चेकपोस्ट बनाने के निर्देश दिए गए थे।’

बैठक के ब्योरे के अनुसार पटना में चार स्थायी चेकपोस्ट बनाए जाएंगे।

बैठक के विवरण में कहा गया है, ‘जिलाधिकारियों को बांका, सारण, कैमूर, गया और पटना जिलों में जल्द से जल्द स्थानों की पहचान करने और चेकपोस्ट बनाने का निर्देश दिया गया है। राज्य में लगभग 267 बालू घाट हैं जहां जल्द ही खनन गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।’

बालू माफियाओं द्वारा पुलिसकर्मियों पर हमले की घटनाएं मुख्य रूप से पटना, भोजपुर, रोहतास, औरंगाबाद, सारण और वैशाली जिलों से सामने आई हैं।

हाल में, जमुई जिले में अवैध रूप से खनन की गई बालू ले जा रहे एक ट्रैक्टर ने बिहार पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर को कुचल दिया जिससे उनकी मौत हो गई । घटना में एक होम गार्ड भी घायल हो गया था।

अप्रैल में पटना के पास बिहटा में अवैध खनन के खिलाफ अभियान के दौरान बदमाशों ने दो महिला निरीक्षकों समेत तीन खनन अधिकारियों पर हमला कर दिया था।

बिहार के रोहतास, भोजपुर और औरंगाबाद जिलों और झारखंड के निकटवर्ती गढ़वा और पलामू जिलों में सोन नदी के बालू घाट अच्छी गुणवत्ता वाले बालू के लिए जाने जाते हैं।

विभाग के लिए एक ऑनलाइन उपकरण विकसित किया गया है, जो संपूर्ण बालू खदान गतिविधि पर नजर रखता है । उसके जरिए राज्य के डिपो और अन्य निर्दिष्ट गंतव्यों तक बालू ले जाने वाले ट्रकों पर नज़र रखा जाता है।

‘खानसॉफ्ट’ को बिहार खान एवं भूतत्व विभाग के लिए एनआईसी द्वारा विकसित किया गया है।

बिहार में बालू खनन से राजस्व संग्रह पिछले वित्त वर्ष में 1384.46 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो उसके पिछले वित्त वर्ष से 53.84 प्रतिशत अधिक है।

भाषा अनवर राजकुमार