पटना, 24 अगस्त (भाषा) बिहार के राज्य विश्वविद्यालयों को 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले विद्यार्थियों को परीक्षा में नहीं बैठने देने का निर्देश दिया गया है।
बिहार के राज्यपाल एवं कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के कार्यालय ने राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों (वीसी) को इस आशय का एक पत्र जारी किया है।
कुलपतियों को 23 अगस्त को लिखे एक पत्र में राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने कहा, “75 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’
इस पत्र में निर्देश दिया गया है कि जिन विद्यार्थियों की उपस्थिति 75 फीसदी से कम हो, उनका परीक्षा फॉर्म स्वीकार नहीं किया जाये।
पत्र के अनुसार केवल विशेष मामलों में (जिनके पास वैध कारण हैं), 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले विद्यार्थियों को उचित जांच के बाद विश्वविद्यालय परीक्षाओं में बैठने की अनुमति दी जाएगी।
पत्र में कहा गया है कि यह देखने में आया है कि कॉलेज 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय परीक्षा में बैठने की अनुमति दे रहे हैं। कुलाधिपति विश्वविद्यालय प्रशासन की इस कार्यप्रणाली से खुश नहीं हैं।
कुलाधिपति ने इस संबंध में एक आदेश जारी करने का निर्देश दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय परीक्षा में बैठने की अनुमति देने से पहले 75 प्रतिशत अनिवार्य उपस्थिति का सख्ती से पालन किया जाए।
विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्य शिक्षा विभाग और कुलाधिपति कार्यालय के बीच खींचतान के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुधवार को राज्यपाल से मुलाकात करन के कुछ घंटों बाद ही राजभवन की ओर से यह निर्देश आया है।
बुधवार को इस मुलाकात के बाद जारी एक बयान में, राजभवन ने कहा कि मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा से संबंधित मुद्दों का समाधान खोजने के तरीकों पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री का राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात किया जाना, बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपति (वीसी) पद के लिए आवेदन आमंत्रित करने के एक दिन बाद हुआ जिसमें आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 13 सितंबर है। राज्यपाल सचिवालय द्वारा जारी विज्ञापनों में आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 27 अगस्त निर्धारित की गई है।
राज्यपाल सह कुलाधिपति सचिवालय ने पटना विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (दरभंगा), कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय (मुजफ्फरपुर), जय प्रकाश विश्वविद्यालय (छपरा), बीएन मंडल विश्वविद्यालय (मधेपुरा) और आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (पटना) में कुलपति पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे जबकि शिक्षा विभाग ने मंगलवार को अंतिम दो को छोड़कर केवल पांच के लिए आवेदन आमंत्रित किये थे।
आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि को छोड़कर, दोनों विज्ञापनों में पदों के लिए नियम और शर्तें लगभग समान हैं।
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के कुलपति और प्रतिकुलपति के बैंक खातों को फ्रीज करने (उनमें लेन-देन पर रोक) को लेकर नीतीश कुमार सरकार और राजभवन के बीच पहले से ही टकराव चल रहा है।
शिक्षा विभाग ने राजभवन के निर्देशानुसार उक्त विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों के बैंक खातों को फ्रीज करने के अपने पहले के आदेश को वापस लेने से इनकार कर दिया।
राज्य शिक्षा विभाग ने 17 अगस्त को अपने अधिकार क्षेत्र के तहत शैक्षणिक संस्थानों के निरीक्षण में कथित विफलता और विभाग द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में भाग नहीं लेने के लिए बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के कुलपति और प्रतिकुलपति का वेतन रोक दिया।
एक दिन बाद, राज्यपाल सह कुलाधिपति के प्रमुख सचिव रॉबर्ट एल चोंगथु ने संबंधित बैंक को एक पत्र भेजा, जिसमें तत्काल प्रभाव से दोनों अधिकारियों और विश्वविद्यालय के खातों को डीफ्रीज करने (उनमें लेन-देन पर लगी रोक हटाने) का निर्देश दिया गया था।
भाषा अनवर राजकुमार