पटना, 20 मार्च (भाषा) बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोमवार को कहा कि वह अपने कर्तव्यों का पालन करने में खुश हैं और प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा अपने बारे में कहा, ‘‘न तो नीतीश प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं न मैं मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं’’।
बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पथ निर्माण विभाग के बजट पर चर्चा के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजदगी में राजद के युवा नेता ने यह बात कही ।
माना जाता है कि मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने को लेकर अपनी ही पार्टी के कई नेताओं की बयानबाजी के कारण जदयू प्रमुख के साथ अनबन की अटकलों को शांत करने के लिए राजद नेता ने यह बात कही। ।
ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि पिछले साल अगस्त महीने में महागठबंधन में शामिल होने के समय जदयू और राजद के बीच एक ‘‘सौदा’’ हुआ था जिसके तहत नीतीश अपने डिप्टी के लिए अपनी कुर्सी छोड़ देंगे जो बदले में राष्ट्रीय राजनीति में शीर्ष पद के लिए उनका समर्थन करेंगे।
तेजस्वी ने इन अटकलों को खारिज करते हुए स्वयं और अपने बगल में बैठे नीतीश के बारे कहा, ‘‘ना इनको प्रधानमंत्री बनाना है ना हमको मुख्यमंत्री बनाना है। हम जहां हैं खुश हैं ।’’
भाजपा विधायक संजय सरावगी द्वारा 10 रुपये का कटौती प्रस्ताव पेश किया गया था लेकिन सदन में विपक्षी दल के अनुपस्थित रहने के कारण पथ निर्माण विभाग का बजट ध्वनि मत से पारित हो गया।
उल्लेखनीय है कि तेजस्वी द्वारा जवाब दिए जाने से पहले प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा के नेतृत्व में भाजपा विधायक सदन से बहिर्गमन कर गए थे।
तेजस्वी ने करीब 30 मिनट के अपने भावपूर्ण भाषण की शुरुआत में कहा, ‘‘मैं यहां उनके सभी आरोपों का जवाब देने के लिए हूं। लेकिन उन्होंने भागना चुना। शायद विपक्ष के नेता को पता था कि मैं उन्हें याद दिलाऊंगा कि उन्हें इस सदन के पटल पर तमिलनाडु में बिहार के लोगों पर हमलों की फर्जी खबरें उठाने के लिए माफी मांगने की जरूरत है’’।
तेजस्वी ने कहा, ‘‘ये दौर अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के दौर से भी बहुत अलग है, जिनके साथ हमारे वैचारिक मतभेद थे। अब हम एक बदले की भावना देखते हैं जो राजनीति से परे दिखती है और अक्सर व्यक्तिगत हो जाती है।’’
राजद नेता ने कहा, ‘‘ईडी ने 30 मिनट में अपना काम पूरा करने के बावजूद मेरे आवास पर 15 घंटे बिताए। जब मैंने पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ मामले में अपने रिकॉर्ड को बेहतर बनाने के निर्देश दिए गए थे, जिनके घर पर उन्होंने 14 घंटे बिताए थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने पहले बच्चे की उम्मीद कर रहे हैं और मुझे अच्छा लगेगा अगर हमें एक बेटी का आशीर्वाद मिले। मेरी पत्नी अपनी गर्भावस्था के कारण एक अनियमित रक्तचाप से पीड़ित है। उसकी हालत तब और खराब हो गई जब ईडी के छापे ने उसे इतने लंबे समय तक एक ही जगह पर कैद रखा। आखिरकार हमें उसे अस्पताल ले जाना पड़ा।’’
तेजस्वी ने कहा, ‘‘मुझे अपने पिता की वैचारिक प्रतिबद्धता और उनकी हिम्मत विरासत में मिली है।’’
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा हमारे गठबंधन (नीतीश के साथ) में एक खाई के बारे में कल्पना कर रही थी और (राजग छोड़ने का) निर्णय करने के लिए नीतीश को बधाई दी ।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे और क्या चाहिए। मेरे माता-पिता दोनों मुख्यमंत्री रह चुके हैं। मैंने इतनी कम उम्र में विपक्ष के नेता के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री के रूप में भी काम किया है। वे (भाजपा) 2024 (लोकसभा चुनाव) में हार का सामना करने से डरे हुए हैं।
भाषा अनवर रंजन
रंजन