बड़ी खबर! सरकारी कार्यालयों को PM मोदी का अल्टीमेटम, 31 अक्टूबर तक का दिया समय

सरकारी कार्यालयों को PM मोदी का अल्टीमेटम, 31 अक्टूबर तक निपटाएं सभी पेंडिंग फाइल्स वरना...

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  • Publish Date - September 27, 2021 / 03:16 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:23 PM IST

Modi’s ultimatum to government offices

नई दिल्ली। पीएम मोदी के निर्देश पर सरकारी कार्यालयों में अगले महीने से एक ‘अनोखी’ स्वच्छता मुहिम (Cleanliness Drive) चलाई जाएगी। ये साफ-सफाई लंबित शिकायतों, पुरानी-अनचाही फाइलों के निपटान से जुड़ी होगी, इसके अलावा, संसद में दिए गए आश्वासनों को संबंधित मंत्रालयों को 31 अक्टूबर से पहले पूरा करना होगा।

मीडियो की रिपोर्ट के मुताबिक, इस संबंध में कैबिनेट सचिवालय की तरफ से सभी मंत्रालयों और विभागों को एक पत्र लिखा गया है, जिसके आधार पर सभी 13 सितंबर से जरूरी जानकारी जुटाने में लगे हैं, सीधे शब्दों में कहें तो अक्टूबर से शुरू होने वाली इस ‘स्वच्छता मुहिम’ की तैयारी हो रही है, ताकि डेडलाइन से पहले सभी काम निपटा लिए जाएं।

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इसके साथ ही मंत्रालयों को मौजूदा नियमों और सरकारी कामकाज में कागजी कार्रवाई बढ़ाने वाले पुराने आदेशों की भी समीक्षा करनी है, पीएम मोदी के निर्देश पर सभी मंत्रालयों को पत्र लिखने वाले कैबिनेट सचिव राजीव (Cabinet Secretary Rajiv Gauba) ने कहा है कि मौजूदा प्रक्रियाओं की समीक्षा की जा सकती है, ताकि अनुपालन संबंधी बोझ को कम किया जा सके और जहां भी संभव हो अनावश्यक कागजी कार्रवाई से बचा जा सके।

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पत्र में कहा गया, ‘इस साल अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में प्रधानमंत्री ने मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं की निरंतर आधार पर समीक्षा करने की आवश्यकता पर जोर दिया था, इसी को ध्यान में रखते हुए सभी मंत्रालयों को काम करना चाहिए’। कार्य की रूपरेखा 29 सिंतबर तक तैयार होगी और पेंडिंग, पुरानी-अनचाही फाइलों के निपटान का सिलसिला 2 अक्टूबर, गांधी जयंती से शुरू हो जाएगा। बता दें कि गांधी जयंती को राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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पत्र में संसद में दिए गए आश्वासनों पर भी जल्द से जल्द कार्रवाई की बात कही गई है, इन आश्वासनों के लिए एक अलग से फाइल बनती है, इस तरह फाइलों का बोझ बढ़ता जाता है। पीएम चाहते हैं कि इस प्रक्रिया में बदलाव लाया जाए, इसलिए सभी सांसदों से कहा गया है कि लंबित आश्वासनों पर तत्काल कार्रवाई की जाए, बता दें कि इस वर्ष, सरकार ने शिकायत निवारण के लिए अधिकतम समय को 60 दिन से घटाकर 45 दिन कर दिया है।