नर्सिंग कॉलेजों में प्रदर्शक और सहायक प्राध्यापकों की भर्ती का मामला, हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक लगाई रोक

प्रदेश के नर्सिंग कालेजों में प्रदर्शक और सहायक प्राध्यापकों के 91 पदों में सीधी भर्ती में पुरूष अभ्यर्थियों द्वारा अधिकारों के हनन के खिलाफ लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच ने भर्ती प्रक्रिया पर आगामी सुनवाई तक रोक लगा दिया है।

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  • Publish Date - January 14, 2022 / 06:31 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:36 AM IST

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रायपुर। प्रदेश के नर्सिंग कालेजों में प्रदर्शक और सहायक प्राध्यापकों के 91 पदों में सीधी भर्ती में पुरूष अभ्यर्थियों द्वारा अधिकारों के हनन के खिलाफ लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच ने भर्ती प्रक्रिया पर आगामी सुनवाई तक रोक लगा दिया है।

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बता दें, कि जून 2013 में प्रकाशित छत्तीसगढ़ राजपत्र में छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम 2013 की अनुसूची में परिचर्चा महाविद्यालय के लिए सहायक प्राध्यापक एवं प्रदर्शक में सीधी भर्ती के लिए विज्ञापित शैक्षणिक पदों के लिए केवल महिला अभ्यर्थियों को ही पात्रता की शर्ते प्रकाशित की गई थीं।

इस भर्ती के लिए दिसम्बर 2021 को विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें कोरिया, रायपुर, जशपुर और अन्य जगहों के पुरूष अभ्यर्थियों ने पीएससी द्वारा जारी विज्ञापन और उसकी भर्ती नियम को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई, जिसमे कहा गया कि सीधी भर्ती के लिए सहायक प्राध्यापक (नर्सिंग)के जो 33 पद एवं प्रदर्शक (नर्सिंग) अभ्यर्थियों के 58 पद विज्ञापित किये गए थे, जिसमें सेवा में भर्ती के लिए केवल महिला अभ्यर्थियों को ही पात्रता का नियम अंकित किया जाना भारतीय संविधान के अनुच्छेद में पुरूष अभ्यर्थियों के अधिकारों का हनन है।

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हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद भर्ती की प्रक्रिया पर आगामी सुनवाई तक रोक लगा दिया है। साथ ही मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को नियत की है।