Publish Date - December 2, 2025 / 10:17 AM IST,
Updated On - December 2, 2025 / 10:17 AM IST
8th Pay Commission Update Today: बेसिक सैलरी में मर्ज होगा डीए या नहीं? मोदी सरकार ने संसद में दिया जवाब / Image: IBC24 Customized
HIGHLIGHTS
सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को अधिसूचित कर दिया
महंगाई भत्ता (DA) को मूल वेतन में मिलाने का कोई प्रस्ताव नहीं
डीए और डीआर छह महीने में AICPI-IW इंडेक्स के आधार पर रिवाइज की जाती हैं
नई दिल्ली:8th Pay Commission Update Today केंद्र की मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग का ऐलान कर दिया है। आठवें वेतन आयोग के तहत वेतन-भत्ते के भुगतान की गणना करने के लिए सरकार ने एक कमेटी का भी किया है। हालांकि ये कहा जा रहा है कि 8वां वेतन आयोग 2027 से लागू किया जाएगा। लेकिन सरकारी कर्मचारियों के मन में 8वें वेतन आयोग को लेकर कई तरह के सवाल हैं जैसे क्या डीए मूल वेतन में मर्ज होगा? डीए की गणना कैसे होगी? तो आपको बता दें कि आपके सारे सवालों का जवाब सरकार ने दे दिया है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दी बड़ी जानकारी
8th Pay Commission Update Today दरअसल केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि सरकार ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को आधिकारिक रूप से अधिसूचित कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल महंगाई भत्ता (DA) को बेसिक सैलरी में मिलाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। स्पष्ट है कि पेंशनर्स के लिए भी यही बात लागू होगी, उनके लिए भी बेसिक सैलरी में महंगाई राहत (DR) मर्ज नहीं किया जाएगा।
डीए और डीआर मर्ज होगा या नहीं?
दरअसल, पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि डीए और डीआर में बढ़ोतरी नहीं करते हुए इन्हें मूल वेतन में ही मर्ज कर दिया जाएगा। ऐसा होने पर डीए का कैलकुलेशन अगले टर्म से किया जाता और मर्ज किए गए मूल वेतन के अनुसार इसका कैलकुलेशन होता। उदाहरण के लिए अगर मौजूदा कर्मचारी का मूल वेतन 30,000 रुपए है और 8वें वेतन आयोग में डीए मर्ज करते हुए उसका मूल वेतन 55 हजार रुपए कर दिया जाता। ऐसे में अगले टर्म में डीए 10 फीसदी तय किया जाता तो ये अमाउंट 5,500 रुपए होता।
क्या है डीए का फॉर्मूला
मकसद: केंद्र सरकार बढ़ती महंगाई को देखते हुए केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) तय करती है।
गणना: महंगाई के असर को देखते हुए, हर छह महीने में डीए की दरें AICPI-IW इंडेक्स (अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक – औद्योगिक श्रमिक) के आधार पर रिवाइज की जाती हैं।
DR की समानता: पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत (DR) तय करने का भी यही फॉर्मूला होता है और डीए तथा डीआर की दरें बराबर होती हैं।