नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) बिजली इंजीनियरों के संगठन एआईपीईएफ ने बुधवार को कहा कि उसने उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ में बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के निजीकरण की प्रक्रिया वापस लेने की मांग करते हुए सरकार को एक ज्ञापन सौंपा है।
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने कहा कि ज्ञापन बिजली मंत्रालय को दिया गया है।
एआईपीईएफ ने कहा, ‘‘हमने बिजली मंत्रालय के राज्य मंत्री से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है ताकि उत्तर प्रदेश में किये जा रहे एकतरफा निजीकरण की प्रक्रिया वापस ली जाए, लाभ कमाने वाले चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण की समीक्षा की जाए और उपभोक्ताओं और कर्मचारियों के व्यापक हित में कहीं भी निजीकरण न किया जाए।’’
डिस्कॉम को, उपभोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों के व्यापक हित में, सार्वजनिक क्षेत्र में ही रहना चाहिए। एआईपीईएफ के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने कहा कि जहां तक लाभप्रदता का सवाल है, ज्यादातर राज्यों में इसे सार्वजनिक क्षेत्र में ही हासिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन वर्षों के दौरान कुल तकनीकी और वाणिज्यिक (एटीएंडसी) घाटे का औसत काफी कम हो गया है।
दुबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश की डिस्कॉम पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) के निजीकरण के सरकार के कदम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं।
भाषा राजेश राजेश रमण
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