विलय एवं अधिग्रहण के वित्तपोषण के लिए बैंक सतर्क रुख अपनाएगा: एसबीआई चेयरमैन

विलय एवं अधिग्रहण के वित्तपोषण के लिए बैंक सतर्क रुख अपनाएगा: एसबीआई चेयरमैन

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  • Publish Date - December 12, 2025 / 09:28 PM IST,
    Updated On - December 12, 2025 / 09:28 PM IST

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा है कि विलय और अधिग्रहण के लिए वित्तपोषण में बैंक सतर्क रुख अपनाएगा और चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ेगा।

हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को इस प्रकार के वित्तपोषण की अनुमति दी है।

शेट्टी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि एसबीआई हमेशा नए क्षेत्रों में प्रवेश करते समय सतर्क रुख अपनाता है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आवसीय ऋण जैसे सुरक्षित क्षेत्र में भी बैंक ने जल्दबाजी नहीं की, बल्कि धीरे-धीरे विस्तार किया। आज यह पोर्टफोलियो नौ लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है, जिससे बैंक इस क्षेत्र में सबसे बड़ा कर्जदाता बन गया है।

शेट्टी ने नियामक की प्रशंसा करते हुए कहा कि बैंकों को विलय और अधिग्रहण के लिए वित्तपोषण की अनुमति देना इस बात का संकेत है कि भारतीय बैंक इस काम को संभालने के लिए परिपक्व हो गए हैं।

रिजर्व बैंक ने अक्टूबर में मसौदा दिशानिर्देश जारी किए थे, जिनके तहत बैंक सूचीबद्ध कंपनियों में रणनीतिक हिस्सेदारी खरीदने के लिए कंपनियों को कोष उपलब्ध करा सकेंगे।

नए वित्त वर्ष से लागू होने वाले नियमों के अनुसार, बैंक अधिग्रहण मूल्य का 70 प्रतिशत तक ऋण दे सकेंगे, जबकि बाकी हिस्सा खरीदार की अपनी पूंजी से आएगा।

उन्होंने कहा कि बैंक अपनी जोखिम लेने की क्षमता तथा विलय और अधिग्रहण की नीति बोर्ड द्वारा तय करेगा, जो नियामकीय दिशानिर्देशों के अनुरूप होगी।

एसबीआई के चेयरमैन ने कहा कि बैंक उन्हीं सौदों में भाग लेगा जिन्हें वह अच्छी तरह समझता है और जिनमें सहयोग की गुंजाइश हो।

उन्होंने बताया कि कई बहुराष्ट्रीय बैंक पहले से ही विलय एवं अधिग्रहण के लिए वित्त पोषण करते हैं और एसबीआई भी ऐसे बैंकों के साथ सहयोग करेगा।

इसके अलावा एसबीआई को विदेशों में स्थित अपने कार्यालयों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय अधिग्रहणों को वित्तपोषण करने का भी अनुभव रहा है।

शेट्टी ने कहा कि विशेषज्ञता और सहयोग की तत्परता के आधार पर बैंक नए अवसरों का लाभ उठाने की अच्छी स्थिति में है, लेकिन उसका दृष्टिकोण पूरी तरह जोखिम आकलन और हर सौदे की गहन समझ पर आधारित रहेगा।

देश के सबसे बड़े बैंक के चेयरमैन शेट्टी ने यह भी विश्वास जताया कि आरबीआई की दिसंबर की मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती के बावजूद बैंक तीन प्रतिशत की शुद्ध ब्याज मार्जिन का लक्ष्य हासिल कर लेगा।

पिछले सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक ने आर्थिक वृद्धि को और मजबूती देने के उद्देश्य से रेपो दर को 0.25 की कटौती कर 5.25 प्रतिशत कर दिया था।

शेट्टी ने यह भी कहा कि बैंक को अगले 5–6 वर्षों तक 15 प्रतिशत की पूंजी पर्याप्तता दर बनाए रखने और ऋण वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए इक्विटी पूंजी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

भाषा योगेश रमण

रमण