8th Central Pay Commission || Image- IBC24 FILE
8th Central Pay Commission latest Updates: नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन से संबंधित नियमों एवं शर्तों को मंजूरी दे दी। आयोग 18 महीने में अंतिम रिपोर्ट देगा लेकिन एक जनवरी, 2026 से ही उसकी सिफारिशें प्रभावी होने की संभावना है। इन सिफारिशों से केंद्र सरकार के करीब 50 लाख कर्मचारी और 69 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। इसके साथ ही इसकी अनुशंसाओं का प्रभाव राज्य सरकारों के कर्मचारियों के वेतन ढांचे पर भी पड़ेगा।
उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई को आयोग की कमान सौंपी गई है। आयोग अपनी अंतिम रिपोर्ट 18 महीनों में देगा, जबकि समय-समय पर अंतरिम रिपोर्टें भी देता रहेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आठवें वेतन आयोग के गठन से संबंधित नियमों एवं शर्तों को मंजूरी दी गई। सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं को इस फैसले की जानकारी दी।
मंत्रिमंडल का यह निर्णय आयोग को स्थापित करने की जनवरी, 2025 में दी गई सैद्धांतिक मंजूरी के नौ माह बाद आया है। यह फैसला बिहार विधानसभा के लिए छह एवं 11 नवंबर को होने वाले मतदान के ऐन पहले लिया गया है। वैष्णव ने आयोग की सिफारिशें लागू होने की तारीख के बारे में पूछे जाने पर कहा, “इसकी विशिष्ट तिथि अंतरिम रिपोर्ट आने के बाद ही तय की जाएगी, लेकिन ज्यादा संभावना है कि यह एक जनवरी, 2026 से प्रभावी हो जाएगी।”
8th Central Pay Commission latest Updates: आमतौर पर हर 10 वर्ष के अंतराल पर केंद्रीय कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की जाती हैं। इस परिपाटी को देखते हुए आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों के भी जनवरी, 2026 से लागू किए जाने की संभावना है। मंत्रिमंडल ने न्यायमूर्ति देसाई को आयोग का प्रमुख बनाने के साथ भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम), बेंगलूर के प्रोफेसर पुलक घोष को अंशकालिक सदस्य और पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन को सदस्य-सचिव बनाने का भी फैसला किया।
न्यायमूर्ति देसाई इस समय भारतीय प्रेस परिषद की चेयरमैन हैं। इससे पहले वह जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग और उत्तराखंड समान नागरिक संहिता की मसौदा समिति की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। उच्चतम न्यायालय से सेवानिवृत्ति के बाद यह उनका चौथा प्रमुख कार्यभार होगा।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, आयोग अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देते समय केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए प्रचलित वेतन संरचना, लाभ एवं कार्य परिस्थितियों का तुलनात्मक अध्ययन करेगा। आयोग अपनी सिफारिशें देते समय देश की आर्थिक स्थिति, राजकोषीय सूझबूझ और विकास एवं कल्याणकारी व्यय के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता को भी ध्यान में रखेगा।
इसके अलावा, आयोग गैर-अंशदान आधारित पेंशन योजनाओं की वित्तीय लागत और अपनी सिफारिशों का प्रभाव राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति पर भी परखेगा, क्योंकि राज्य आम तौर पर केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को ही कुछ संशोधनों के साथ अपनाते हैं।
8th Central Pay Commission latest Updates: सरकार ने कहा कि यह आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और सेवा-शर्तों में बदलाव की सिफारिश करेगा। इसमें रक्षा सेवाओं के कर्मचारी और पेंशनभोगी भी शामिल होंगे। केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन की क्रय शक्ति में महंगाई के कारण होने वाली गिरावट की भरपाई के लिए उनके महंगाई भत्ते में हर छह महीने पर बढ़ोतरी की जाती है। इसी के अनुरूप बदलाव सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दी जाने वाली महंगाई राहत में भी किया जाता है।
इसके अलावा राज्यों में भी सरकारें अपने कर्मचारियों एवं पेंशनधारकों के लिए केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर बदलाव करती हैं। आठवें वेतन आयोग के नियमों एवं शर्तों को विभिन्न मंत्रालयों, राज्यों और कर्मचारी संगठनों से परामर्श के बाद अंतिम रूप दिया गया है।
आम तौर पर वेतन आयोगों की सिफारिशें हर 10 वर्ष में लागू होती हैं। पिछला यानी सातवां वेतन आयोग फरवरी, 2014 में गठित हुआ था और उसकी सिफारिशें एक जनवरी, 2016 से लागू की गई थीं। सरकार ने कहा कि आठवां वेतन आयोग देश में वित्तीय अनुशासन और कर्मचारी कल्याण के बीच संतुलन साधने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
Cabinet approved Terms of Reference of 8th Central Pay Commission.
✅ To make recommendations within 18 months of constitution.
✅ Will cover ~50 lakh Central Government employees and ~69 lakh pensioners. pic.twitter.com/is12kPgMH7— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) October 28, 2025