जीएसटी मुनाफाखोरी की शिकायतों की जांच एक दिसंबर से प्रतिस्पर्धा आयोग करेगा

जीएसटी मुनाफाखोरी की शिकायतों की जांच एक दिसंबर से प्रतिस्पर्धा आयोग करेगा

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  • Publish Date - November 24, 2022 / 01:16 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:40 PM IST

नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) जीएसटी मुनाफाखोरी से जुड़ी सभी शिकायतों की जांच एक दिसंबर से भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) करेगा। इससे पहले इस प्रकार की शिकायतों से राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण (एनएए) निपटता था। केंद्र सरकार ने इस बाबत एक अधिसूचना जारी की है।

वर्तमान में कंपनियों द्वारा जीएसटी दर में कटौती का लाभ नहीं देने संबंधी उपभोक्ताओं की शिकायतों की जांच मुनाफाखोरी-रोधी महानिदेशालय (डीजीएपी) करता है और फिर यह अपनी रिपोर्ट एनएए को देता है। जिसके बाद एनएए इन शिकायतों पर अंतिम निर्णय लेता है।

एनएए का कार्यकाल इस महीने समाप्त होने वाला है इसलिए इसके कामकाज को एक दिसंबर से सीसीआई संभालेगा। डीजीएपी अपनी सभी रिपोर्ट सीसीआई को देगा, जो उन पर फैसला सुनाएगा।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड ने 23 नंवबर को एक अधिसूचना में यह कहा है।

एनएए की स्थापना माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून की धारा 171ए के तहत नवंबर 2017 में दो साल के लिए (2019 तक) की गई थी। बाद में इसका कार्यकाल नवंबर 2021 तक दो साल के लिए बढ़ाया गया। फिर, जीएसटी परिषद ने पिछले वर्ष सितंबर में एनएए का कार्यकाल और एक साल के लिए बढ़ाकर 30 नवंबर 2022 कर दिया जिसके बाद इसका सारा कामकाज सीसीआई को सौंपने का निर्णय लिया।

अधिकारियों ने बताया कि जीएसटी मुनाफाखोरी से संबंधित शिकायतों से निपटने के लिए सीसीआई में एक अलग खंड की स्थापना की जा सकती है।

भाषा

मानसी

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