नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) दिल्ली हवाईअड्डे पर यात्रियों को ट्रैक करने, प्रतीक्षा समय कम करने और अपने टर्मिनलों पर सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिये ‘कंप्यूटर विजन’ तकनीक का मूल्यांकन किया जा रहा है। एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह कहा।
कंप्यूटर विजन प्रौद्योगिकी हवाईअड्डे पर यात्री घनत्व का विश्लेषण और समझने के लिये तस्वीरों का उपयोग करती है। इसे जीएमआर समूह के हैदराबाद हवाईअड्डे पर पहले ही स्थापित किया जा चुका है।
दिल्ली हवाईअड्डा भी जीएमआर समूह के नियंत्रण में है। दिल्ली हवाईअड्डे ने पिछले महीने टर्मिनल तीन पर ‘शोविस’ यात्री ट्रैकिंग सिस्टम लगाया था। यह यात्री घनत्व की जांच करने के लिये सेंसर का उपयोग करता है।
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विदेह कुमार जयपुरियार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम कुछ अन्य तकनीकों का भी मूल्यांकन कर रहे हैं। आप जानते होंगे कि टर्मिनल एक को नये सिरे से तैयार किया जा रहा है, चूंकि शोविस प्रणाली परखी हुई है, एक कंप्यूटर विजन प्रौद्योगिकी भी है, जिसका हैदराबाद हवाईअड्डे ने परीक्षण किया है।’’
भाषा सुमन मनोहर
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