जीईएम ने अहम स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद में सुविधा के लिए उठाए कई कदम: सीईओ

जीईएम ने अहम स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद में सुविधा के लिए उठाए कई कदम: सीईओ

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  • Publish Date - May 10, 2021 / 01:38 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:41 PM IST

नयी दिल्ली दस मई (भाषा) सरकार के ई-मार्केट प्लेस ‘जीईएम’ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 से संबधित कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद को सरकारी एजेंसियों के लिये आसान बनाने के लिए उसने कई अहम कदम उठाये हैं।

जीईएम के मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष प्रशांत कुमार सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कोरोना संक्रमण की जारी दूसरी लहर को देखते हुए जीईएम ने महत्वपूर्ण स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद आसान बनाने के लिए कई कदम उठाये हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के निर्देशों पर जीईएम ने ऑक्सीजन सिलेंडर और कंसंट्रेटर्स की उपलब्धता की जानकारी जल्द से जल्द देने और इसके साथ ही उसका आक्रामक रूप से विपणन का काम शुरु किया है।’’

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण आई बाधाओं के बावजूद जीईएम के प्रयासों से अप्रैल में 65.86 करोड़ रुपये के ऑक्सीजन -संबंधी आर्डर प्राप्त हुए हैं। कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी के कारण ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स की मांग देश में व्यापक रूप से बढ़ी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मार्च 2021 से जीईएम ने कोरोना संक्रमण से संबंधित वस्तुओं की खरीद को आसान बनाने के लिए कई आवश्यक और लक्षित उपाय किए गए हैं। इसमें कोविड-19 के मद्देनजर प्लेटफार्म पर अलग-अलग श्रेणियां बनाना भी शामिल है।’’

जीईएम दरअसल एक राष्‍ट्रीय सार्वजनिक खरीददारी पोर्टल है। यह केन्‍द्र और राज्‍य सरकार के विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों, स्‍वायत्त संस्‍थानों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और स्‍थानीय निकायों की सभी खरीददारी जरूरतों के समस्‍त समाधान उपलब्‍ध कराता है। वाणिज्‍य उद्योग मंत्रालय ने अगस्त 2016 में इस प्लेटफार्म की शुरुआत की थी।

पिछले वर्ष जीईएम ने सरकार की कोरोना संक्रमण से लड़ाई में मदद करने के लिए चिकित्सा और सुरक्षात्मक उपकरण जैसे थर्मल स्कैनर, बायोहार्ड बैग और कीटाणुनाशक के लिए अलग श्रेणी बनाई थी। प्लेटफार्म पर अबतक 3,12,6567 उत्पादों और कई वस्तुओं और सेवा प्रदान करने के लिए 17,88,490 विक्रेता और सेवा प्रदाता पंजीकृत हैं। पोर्टल पर अब तक 1,14,270 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ है।

भाषा जतिन

महाबीर

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