सरकार ने इस्पात विनिर्माण में ‘बायोचार’ के इस्तेमाल का पता लगाने के लिए कार्यबल बनाया

सरकार ने इस्पात विनिर्माण में ‘बायोचार’ के इस्तेमाल का पता लगाने के लिए कार्यबल बनाया

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  • Publish Date - March 31, 2024 / 05:24 PM IST,
    Updated On - March 31, 2024 / 05:24 PM IST

नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) सरकार ने इस्पात विनिर्माण में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के तहत ‘बायोचार’ के उपयोग का पता लगाने के लिए एक कार्यबल का गठन किया है।

‘बायोचार’ ब्लैक कार्बन है, जो कृषि अपशिष्ट उत्पादों जैसे बायोमास से तैयार किया जाता है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भारत के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में घरेलू इस्पात क्षेत्र की 12 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उद्योग की उत्सर्जन तीव्रता 2.55 टन कार्बन डाई ऑक्साइड प्रति टन कच्चे इस्पात की है, जबकि वैश्विक औसत 1.9 टन कार्बन डाई ऑक्साइड है।

केंद्रीय इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मार्च 2023 में हरित इस्पात उत्पादन को बढ़ावा देने और टिकाऊ विनिर्माण प्रक्रियाओं को अपनाने के लिए 13 कार्यबल के गठन को मंजूरी दी थी।

इस्पात मंत्रालय के दस्तावेज के अनुसार बायोचार के उपयोग से घरेलू इस्पात उद्योग में कार्बन कटौती गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 14वें कार्यबल का गठन किया गया।

मंत्रालय ने कहा कि चूंकि बायोचार को इस्पात उद्योग में कार्बन उत्सर्जन कटौती के लिए एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में पहचाना गया है, इसलिए इसके इस्तेमाल के लिए 14वें कार्यबल का गठन किया गया है।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण