नयी दिल्ली, 11 जनवरी (भाषा) तेल, शैम्पू, साबुन जैसे दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों के वितरकों ने इस क्षेत्र की प्रमुख कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लि. (एचयूएल) से पुराने मार्जिन ढांचे को बहाल करने की बृहस्पतिवार को मांग की। उन्होंने कहा कि वे महाराष्ट्र में कंपनी के उत्पादों का बहिष्कार करेंगे और इसकी शुरुआत ताज महल चाय से होगी।
वितरकों ने कहा कि अगर कंपनी ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया तो वे आने वाले दिनों में किसान ब्रांड और प्रमुख डिटर्जेंट ब्रांड रिन का भी बहिष्कार करेंगे।
एचयूएल के पास लक्स, लाइफबॉय, सर्फ एक्सेल, रिन, पॉन्ड्स और डव जैसे ब्रांड हैं। कंपनी ने अपने वितरकों के लिए निश्चित मार्जिन को 0.60 प्रतिशत तक कम कर दिया है और ‘वैरिएबल’ मार्जिन’ को 1.0 प्रतिशत से 1.30 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है।
वितरक न्यूनतम पांच प्रतिशत मूल मार्जिन की मांग कर रहे हैं। वे प्रोत्साहन मानदंडों का समर्थन कर रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि कंपनी को वितरक के मार्जिन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
वितरकों की प्रमुख संस्था ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रिब्यूटर्स फेडरेशन (एआईसीपीडीएफ) ने नई मार्जिन व्यवस्था पर चिंता जताई है।
एआईसीपीडीएफ ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रिब्यूटर्स फेडरेशन का एक बयान साझा किया। इसमें उन्होंने 11 जनवरी से एचयूएल उत्पादों के बहिष्कार शुरू कर कंपनी के खिलाफ असहयोग की बात कही है। इसकी शुरुआत ताज महल चाय से शुरू हुई है।
भाषा
रमण अजय
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