भारत वाहन परीक्षण के लिए विशेष ईंधन का उत्पादन करने वाले चुनिंदा देशों में शामिल

भारत वाहन परीक्षण के लिए विशेष ईंधन का उत्पादन करने वाले चुनिंदा देशों में शामिल

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  • Publish Date - October 26, 2023 / 05:21 PM IST,
    Updated On - October 26, 2023 / 05:21 PM IST

नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर (भाषा) भारत ने वाहनों के परीक्षण में इस्तेमाल होने वाले विशिष्ट ईंधन ‘रेफरेंस’ पेट्रोल और डीजल का बृहस्पतिवार को उत्पादन शुरू कर दिया। इसके साथ ही भारत इस अत्यधिक विशिष्ट ईंधन का उत्पादन करने वाले चुनिंदा देशों में शामिल हो गया।

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसे पेश करते हुए कहा कि देश में ‘रेफरेंस’ ईंधन का उत्पादन शुरू होना आत्मानिर्भर भारत की दिशा में उठाया गया एक और कदम है क्योंकि इससे आयात की जरूरत खत्म हो जाएगी।

उच्च क्षमता वाले रेफरेंस ईंधन का इस्तेमाल वाहन विनिर्माता और वाहन जांच एजेंसियां नए मॉडल के परीक्षण के लिए करती हैं। भारत दशकों से इन विशेष ईंधनों की मांग को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर रहा है।

लेकिन अब सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने ऐसे उत्पाद विकसित किए हैं जो आयातित उत्पादों की जगह लेंगे। इससे वाहन निर्माताओं और परीक्षण एजेंसियों के लिए बहुत कम लागत पर विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

ओडिशा में आईओसी की पारादीप रिफाइनरी ‘रेफरेंस’ ग्रेड के पेट्रोल का उत्पादन करेगी जबकि हरियाणा के पानीपत में स्थित इकाई ऐसी गुणवत्ता वाले डीजल का उत्पादन करेगी।

पुरी ने कहा कि पूरी दुनिया में रेफरेंस ईंधन के केवल तीन आपूर्तिकर्ता ही हैं जिनमें अमेरिकी दिग्गज शेवरॉन भी शामिल है।

वाहनों का परीक्षण करने के लिए नियमित या प्रीमियम पेट्रोल एवं डीजल की तुलना में उच्च ग्रेड का ईंधन चाहिए। इसमें कई खासियत होती हैं जो सरकारी नियमों के तहत सूचीबद्ध हैं। ऐसे ईंधन को ‘रेफरेंस’ पेट्रोल या डीजल कहा जाता है।

पुरी ने कहा कि घरेलू स्तर पर ‘रेफरेंस’ ईंधन का उत्पादन करने से लागत में भी फायदा होगा।

नियमित पेट्रोल एवं डीजल की कीमत जहां 90-96 रुपये प्रति लीटर है वहीं आयातित ‘रेफरेंस’ ईंधन 800-850 रुपये प्रति लीटर का है। घरेलू स्तर पर इसका उत्पादन करने से इसकी लागत लगभग 450 रुपये प्रति लीटर तक कम हो जाएगी।

आईओसी के चेयरमैन एस एम वैद्य ने कहा कि सरकार के आत्मनिर्भर बनने के उद्देश्य के अनुरूप आईओसी ने भी अपनी रिफाइनरियों में इस विशिष्ट ईंधन का उत्पादन शुरू कर दिया है।

पुरी ने कहा कि यह कदम ‘हमारी स्वदेशी तकनीकी शक्ति’ पर मुहर लगाता है जो भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को गति देता है। घरेलू जरूरतों को पूरा करने के बाद आईओसी ईंधन के लिए निर्यात बाजार का भी दोहन करेगी।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रित पेट्रोल का लक्ष्य 2030 की तय समयसीमा से 2025 कर दिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस महीने हमने 12 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है और हम कैलेंडर वर्ष 2025 के अंत तक 20 प्रतिशत लक्ष्य की राह पर हैं।’’

उन्होंने कहा कि 5,000 पेट्रोल पंप पहले से ही 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रित पेट्रोल बेच रहे हैं।

भाषा

प्रेम अजय

अजय