आरसीईपी से प्रतिस्पर्धा करनी है, तो भारत को शुल्क घटाने होंगे : यूएसआईएसपीएफ

आरसीईपी से प्रतिस्पर्धा करनी है, तो भारत को शुल्क घटाने होंगे : यूएसआईएसपीएफ

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  • Publish Date - January 17, 2021 / 04:58 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:40 PM IST

वाशिंगटन, 17 जनवरी (एपी) अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं भागीदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) ने वित्त मंत्री निर्मला निर्मला सीतारमण को आगामी आम बजट में शुल्क दरों को कम करने का सुझाव दिया है।

यूएसआईएसपीएफ ने कहा है कि यदि भारत, चीन के समर्थन वाले विशाल मुक्त व्यापार करार -क्षेत्रीय वृहद आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहता है कि उसे अपने शुल्कों में कटौती करनी होगी।

चीन और 14 अन्य देशों ने दुनिया का सबसे बड़ा व्यापारिक ब्लॉक बनाया है। मोटे तौर पर इस ब्लॉक की दुनिया के 30 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में हिस्सेदारी है। लंबित मुद्दे हल नहीं होने की वजह से भारत इस विशाल मुक्त व्यापार करार से निकल गया था।

आरसीईपी के सदस्यों में आसियन के 10 देशों…इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपीन, सिंगापुर, थाइलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यामां और कंबोडिया के अलावा चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं।

यूएसआईएसपीएफ के अध्यक्ष मुकेश अघी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यदि भारत नीति के मोर्चे पर अधिक अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने पर ध्यान दे, तो इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। नीति निर्माण में पारदर्शिता से सकारात्मक संकेत जाएगा। यदि भारत विशेषरूप से आरसीईपी के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहता है, तो उसे अपने शुल्कों को कम करना होगा।’’

उन्होंने कहा कि पिछले 12 माह के दौरान भारत में शुल्क दरें लगातार ऊपर जा रही हैं। अघी ने कहा कि स्थानीय उद्योगों का संरक्षण जरूरी है, लेकिन साथ ही शुल्कों को कम करना भी महत्वपूर्ण है।

भाषा अजय

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