बैंक बीमा लाभ के लिए एलआईसी की आईडीबीआई बैंक का शेयरधारक बने रहने की इच्छा

बैंक बीमा लाभ के लिए एलआईसी की आईडीबीआई बैंक का शेयरधारक बने रहने की इच्छा

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  • Publish Date - February 21, 2022 / 06:49 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:39 PM IST

नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) आईपीओ लाने की तैयारी में जुटी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने सोमवार को कहा कि वह आईडीबीआई बैंक में कुछ हिस्सेदारी रखना चाहता है, ताकि उसे बैंक बीमा का फायदा मिलता रहे।

आईडीबीआई बैंक 21 जनवरी 2019 को एलआईसी की सहायक इकाई बन गया था।

योग्य संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के तहत बैंक द्वारा अतिरिक्त इक्विटी शेयर जारी करने के बाद एलआईसी की हिस्सेदारी घटकर 49.24 प्रतिशत होने के कारण 19 दिसंबर 2020 को आईडीबीआई बैंक को एक संबद्ध कंपनी के रूप में फिर से वर्गीकृत किया गया था।

सरकार आईडीबीआई बैंक में 45.48 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अल्पांश शेयरधारक है और वह पहले ही अपनी हिस्सेदारी बेचकर बाहर निकलने का इरादा जता चुकी है।

एलआईसी के अध्यक्ष एम आर कुमार ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘हम आईडीबीआई बैंक में कुछ हिस्सेदारी रखना चाहेंगे। बैंक में हिस्सेदारी लेने का हमारा विचार रणनीतिक प्रकृति का था और यह वजह अभी भी बनी हुई है।’’

उन्होंने कहा कि बैंक बीमा खंड में आईडीबीआई बैंक सबसे मजबूत योगदानकर्ता रहा है।

बैंक बीमा, एक बैंक और एक बीमा कंपनी के बीच एक व्यवस्था है, जिसके तहत बीमा कंपनी अपने उत्पादों को बैंक के शाखा नेटवर्क के माध्यम से उसके ग्राहकों और अन्य लोगों को बेचती है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं एलआईसी अध्यक्ष के रूप में चाहता हूं कि यह संबंध भविष्य में भी जारी रहे।’’

एलआईसी ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिये इसी महीने विवरण पुस्तिका (रेड हेयरिंग प्रोस्पेक्टस) बाजार नियामक सेबी के पास जमा कराया है। इस बिक्री पेशकश के जरिये सरकार 63,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रही है।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण