सड़क सुरंगों के धंसने की रोकथाम, बचाव के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी किए

सड़क सुरंगों के धंसने की रोकथाम, बचाव के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी किए

  •  
  • Publish Date - December 12, 2025 / 08:33 PM IST,
    Updated On - December 12, 2025 / 08:33 PM IST

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) सड़क सुरंग परियोजनाओं की सुरक्षा और संरचनात्मक मजबूती सुनिश्चित करने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।

मंत्रालय ने कहा कि सुरंग मार्ग तय करते समय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (जीएसआई) द्वारा प्रकाशित भूवैज्ञानिक मानचित्रों और राष्ट्रीय भूस्खलन संवेदनशीलता मानचित्रों का अध्ययन अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए।

दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी परियोजना के अनुबंध से जुड़े सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं जैसे समय-सीमा, विभिन्न चरणों का निर्धारण, बदलावों की स्थिति में प्रावधान, जोखिम साझा करने के उपाय और अप्रत्याशित आपदाओं से संबंधित प्रावधान स्पष्ट रूप से तय होने चाहिए, ताकि परियोजना के दौरान विवाद की स्थिति न बने।

मंत्रालय ने यह भी बताया कि सुरंग के आकार का निर्धारण केवल स्थान की आवश्यकता देखते हुए नहीं, बल्कि उसकी संरचनात्मक मजबूती को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए।

इसके साथ ही यह भी कहा गया कि सुरंग की दीर्घकालिक सुरक्षा के लिए भूजल प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस कारण डिजाइन में जलरोधक व्यवस्था और जलनिकासी के उचित प्रावधान शामिल होने चाहिए।

मंत्रालय ने कहा कि जहां भूकंप की गतिविधियां अधिक होती हैं, वहां सुरंग डिजाइन में भूकंप से उत्पन्न होने वाले संभावित दबाव और कंपन का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है।

निर्देशों में यह भी कहा गया है कि सुरंग निर्माण का काम करने वाली एजेंसी को अपने तकनीकी और व्यावसायिक अनुभव के आधार पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण जैसी एजेंसियों द्वारा चलाए जाने वाले बचाव कार्यों में सक्रिय सहयोग करना चाहिए।

हाल के वर्षों में निर्माणाधीन सुरंगों के धंसने की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें मजदूर फंस गए और कुछ मामलों में उनकी मृत्यु भी हुई। ऐसे समय में बचाव कार्य राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय आपदा प्रतिक्रिया बलों तथा सशस्त्र बलों के सहयोग से संचालित किए जाते हैं।

भाषा

योगेश रमण

रमण