नाबार्ड ने अरुणाचल प्रदेश में ग्रामीण परियोजनाओं के लिए 4,613 करोड़ रुपये मंजूर किए

नाबार्ड ने अरुणाचल प्रदेश में ग्रामीण परियोजनाओं के लिए 4,613 करोड़ रुपये मंजूर किए

  •  
  • Publish Date - July 18, 2025 / 07:35 PM IST,
    Updated On - July 18, 2025 / 07:35 PM IST

ईटानगर, 18 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने अरुणाचल प्रदेश में 485 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 4,613 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।

नाबार्ड के महाप्रबंधक दामोदर मिश्रा ने शुक्रवार को यहां कहा कि ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास कोष (आरआईडीएफ) के तहत समर्थित इन परियोजनाओं ने ग्रामीण संपर्क, सिंचाई प्रणालियों और आजीविका सृजन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

यहां बैंक के 44वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए, मिश्रा ने कहा कि नाबार्ड, राज्य में समावेशी विकास और सतत ग्रामीण विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

मिश्रा ने कहा, ‘‘नाबार्ड ने ना केवल महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को वित्तपोषित किया है, बल्कि ग्रामीण ऋण योजना, प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) के डिजिटलीकरण, सूक्ष्म उद्यमों को बढ़ावा देने और जलवायु-अनुकूल कृषि पद्धतियों को भी आगे बढ़ाया है।’’

उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लिए नाबार्ड का दृष्टिकोण राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप है और आत्मनिर्भर, सहकारिता-आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं के निर्माण पर केंद्रित है।

नाबार्ड के अरुणाचल प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय ने ‘बेहतर विश्व का निर्माण करती सहकारिता’ विषय पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें समतामूलक विकास प्राप्त करने में सहकारी संस्थाओं के महत्व पर जोर दिया गया।

इस कार्यक्रम में राजीव गांधी विश्वविद्यालय (आरजीयू) के कुलपति प्रोफेसर एस के नायक के साथ-साथ सहकारिता विभाग, आरबीआई, सिडबी, एनसीडीसी, अरुणाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक, सहकारी संघों और अन्य सहयोगी संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

इस अवसर पर, मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने ग्रामीण प्रगति को गति देने में नाबार्ड की भूमिका की सराहना की।

खांडू ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘‘नाबार्ड बुनियादी ढांचे से लेकर नवाचार तक, अरुणाचल की ग्रामीण आकांक्षाओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। हम इस दीर्घकालिक साझेदारी को महत्व देते हैं।’’

इस अवसर पर, ‘अरुणाचल प्रदेश में नाबार्ड’ नाम से पुस्तिका का विमोचन किया गया। इसमें राज्य के लिए संस्थान के योगदान का विवरण दिया गया है।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण