एनएफआरए ने रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस मामले में दो लेखाकारों पर 2.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया

एनएफआरए ने रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस मामले में दो लेखाकारों पर 2.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया

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  • Publish Date - May 20, 2024 / 06:12 PM IST,
    Updated On - May 20, 2024 / 06:12 PM IST

नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) ने वित्त वर्ष 2018-19 में रिलायंस कमर्शियल में पेशेवर कदाचार और ऑडिटिंग (अंकेक्षण) खामियों के लिए दो लेखाकारों (ऑडिटर) पर कुल 2.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

नियामक ने श्रीधर एंड एसोसिएट्स पर दो करोड़ रुपये और अजय वस्तानी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

इसके अलावा, नियामक ने वस्तानी को किसी भी कंपनी या निकाय के कार्यों और गतिविधियों के वित्तीय विवरणों या आंतरिक ऑडिट के संबंध में कोई भी ऑडिट करने से पांच साल के लिए रोक दिया है। यह आदेश ऐसे समय आया है जब कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने एनएफआरए को सूचित किया कि प्राइस वॉटरहाउस एंड कंपनी चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एलएलपी (पीडब्ल्यू) ने कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत मंत्रालय को एक रिपोर्ट दायर की थी।

इसके बाद, पीडब्ल्यू ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए ऑडिट रिपोर्ट जारी किए बिना, आरसीएफएल के ऑडिटर के पद से इस्तीफा दे दिया। इसके अलावा, श्रीधर एंड एसोसिएट्स को जून, 2019 में आरसीएफएल के निदेशक मंडल द्वारा कंपनी के वैधानिक लेखा परीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था।

एनएफआरए ने दिनांक 16 मई के अपने आदेश में कहा कि श्रीधर एंड एसोसिएट्स द्वारा आयोजित आरसीएफएल की ऑडिट फ़ाइल की जांच करने पर, ‘‘हमारा प्रथम दृष्टया विचार था कि लेखाकारों ने अधिनियम के साथ-साथ ऑडिटिंग (एसए) के मानकों के तहत अपने पेशेवर कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया था।’’

इसके बाद पेशेवर कदाचार के नियमों के तहत लेखा परीक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय